ऐ नारी,
न जाने तेरे,
हैं कितने रंग ओ रूप।
तुझमें खजुराहो की सुंदरता,
हवामहल सी चंचलता,
क़ुतुब मीनार सी ऊँचाई,
ताजमहल सी चिकनाई,
कोणार्क सी बिखरी हुई तुम,
शाँत हो इतनी, है जितना
धवलगिरि का धवल बौद्ध स्तूप।-
23 JAN 2017 AT 5:50
25 SEP 2020 AT 18:28
दोनों ही नायाब हैं मेरे लिए, एक तो
तेरी चंचल आंखें, दूसरा हवामहल ✍️-
28 OCT 2019 AT 9:01
कान्हा ने ब्रज को इन्द्र-कोप से बचाया था
आओ✌️
हम गोमाता को मानव कहर से बचाऐगे-
2 FEB 2020 AT 19:34
दिलफेंक आशिकों जरा गौर फरमाना।
हवा में कोई महल बने,
तो भाड़े का एक कमरा मुझे भी दिलाना।
पहले भी मन के लड्डू चखे होंगे तुमने।
कितना स्वाद है ख्याली पुलाव मे,
इस बार कोई चखना तो मुझे भी बताना।
इल्म तो तुमको होगा ही।
बंजारा बादल होने का,
कहीं दूर हवा में उड़ना हो तो मुझे भी बताना।
दिल का परिन्दा उड़ जाए जब।
जब तुम ना रहो किसी काम के,
इस बार कोई पागल होना तो मुझे भी बताना।
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