Vishnu Prasad   (विshnu)
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Joined 22 April 2018


Joined 22 April 2018
26 SEP 2024 AT 22:01

एक अधर की एक नज़र की , बातें दोनों प्यार भरी।
पूर्ण प्रेम संवाद हुआ जो नयन लड़ें दो चार घड़ी ।

मय का मारा मदिरालय से घर को वापस आता है,
डूब गया जो इन नज़रों में वहीं कहीं खो जाता है।

नयनों के इस भंवर जाल से बचकर वापस आए कौन,
पीड़ित हो जो प्रेम रोग से उसका मर्ज मिटाए कौन।

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7 JUL 2022 AT 1:40

तन में मूर्छा भर देते हैं,
दिल को बंजर कर देते हैं।
हाथ छुड़ाकर जाने वाले

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6 JUL 2022 AT 2:00

आस पलती गयी रात छलती गयी,
एक ख़्वाब की उम्र बेतहाशा बढ़ती गयी।

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12 APR 2020 AT 22:08

मेरे रहबर के फ़रेब को रवानी कर दे,
मशहूर मेरे इश्क़ की कहानी कर दे।

अब कोई ख्याल उससे जुदा कहाँ रहता है,
आज फिर तु उसको मेरी जुबानी कर दे।

सादगी का उसकी मै भी तो तलबगार हूँ,
आज फिर ये रूप उसका नूरानी कर दे।

तेरी इनायत पे मै सजदा सौ-सौ बार करता हूँ,
रहमत इतनी हो कि उसको मेरी दीवानी कर दे।

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7 JAN 2020 AT 15:59

आज फिर कृष्ण मुस्कुराए ज़रूर होंगे,
स्वागत में अपनी साधिका के
बंशी बजाए ज़रूर होंगे।

नाज उन्हें भी तो हुआ होगा,
ऐसी साधिका पाने का।
आज माधव तेरे घर आए ज़रूर होंगे।

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11 MAR 2019 AT 13:52

खिल जाना मोहब्बत का, मिल जाना मोहब्बत का।
और फिर कहीं अचानक,थम जाना मोहब्बत का।
हाँ दर्द भरा है मुश्किल है बयां करना
लो फिर भी कह रहे हैं ,अफसाना मोहब्बत का।

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21 OCT 2021 AT 18:08

जब उसने कहा कोई काम मेरा उसको अच्छा नहीं लगता,
वजूद मेरा मुझको सच्चा नहीं लगता।
नज़रें चुराता है ख़ुद से कहीं दूर भागता है
क्या अक्स देखूँ अपना ये आइना अब मुझको अच्छा नहीं लगता।

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28 AUG 2021 AT 7:03

जीवन को जब द्वंद्व मिले तो लड़ जाओ,
मर्दन कर बाधाओं का सर्वोच्च शिखर पे चढ़ जाओ।

झुक नहीं सकता फ़लक का रास्ता तेरे कदम तक,
पर खोलो तुम उड़ो आसमाँ तक जाओ।

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15 AUG 2021 AT 1:27

कुछ करो बढ़ चलो देशवासी
देश अपना न पीछे कभी हो।
ऐसे खिलता रहे अपना उपवन
इसपे इक आसियाना बना दो।
इसकी आभा से रोशन जगत हो
सरजमीं पे सितारे बिछा दो।

हर तरफ गूँजता हो तराना
हम बढ़ें तो बढ़ेगा जमाना।
हर तरफ ज्ञान विज्ञान हो घूमता
स्वर्ग सा हो जमीं का सफर रास्ता।
दूर कर दो दिलों से उदासी
कुछ करो बढ़ चलो देशवासी।

विश्व करता रहे इसकी पूजा
इसके पहले न हो देश दूजा।
दहशतों की मिटा दो ये खाई
देशवासी बनो भाई-भाई।

हो तुम्हारा जगत में अराधन
देश अपना हो उन्नति का साधन।
हर जुबां से हो आवाज़ आती
हो कहाँ भाइयों हिन्दवासी।

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15 AUG 2021 AT 0:28

जिन्दगी वतन के वास्ते लुटे तो गम नहीं
कफ़न श्वेत नहीं मुझको तिरंगा चाहिए।
हजारों ध्वज हैं दुनिया में मुझे उनसे गिला नहीं,
जहां में सबसे ऊँचे कद में मुझको तिरंगा चाहिए।

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
🇮🇳 जय हिन्द🇮🇳

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