लोगों की नफरत जरूरी है, सिर्फ तुझे पाने के लिए
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Personal Assistant at district & session court banswara (RAJ)
जन्म ति... read more
किसी की दुखती रग पर हाथ लगाने पर ठीक वैसी ही स्थिति बनती है, जैसे कोई व्यक्ति विद्युत प्रवाह के समय विद्युत के नंगे तारों को छू ले ।।
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मुझे रोज छूता है ईश्वर,
कभी हवा बनकर,
कभी पानी बनकर,
कभी सूरज की धूप,
कभी चंद्रमा की
चांदनी बनकर-
कितनी मासूमियत से उलटते-पलटते हैं लोग
दिल मेरा, सवाल ये कि फिर ये टूटता क्यों है-
आदमी, आदमी को हथियार से मारता है तो वो हत्यारा कहलाता है, वो सजा का पात्र बन जाता है, किन्तु वही आदमी अपने हतोत्साहित करने वाले कटु और अपमानजनक शब्दों से किसी के मन को मार देता है, उसका क्या.......?? उसकी सजा क्या है...... ??
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जीवन तो हर कोई अच्छा बनाना चाहता है,
जो कोई मरण अच्छा बना ले, तो जानें ✍️-
ये संगीत ही तो है जो सबको झूमने पर विवश कर देता है, फिर चाहे वो पशु हो, पक्षी हो या फिर इंसान और इस संगीत के पीछे छिपे होते हैं - शब्द
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सितारा फलक पर चांद के सिर पर है आज
कल तक जिसे कई बार टूटते देखा था तुमने-
मैं मौसम हूं पतझड़ का, मुझमें बहार कहां से आई
हर कोई करता है नफरत, तुम यार कहां से आई
खुशियों में थे जो साथ मेरे, गम में ना दिखी उनकी परछाई,
हर कोई करता है नफरत, तुम यार कहां से आई
सबने पकड़ी, सबने छोड़ी मेरी ये कलाई,
हर कोई करता है नफरत, तुम यार कहां से आई
दुख में सब भूल गए, फिर याद तुम्हें क्यों आईं
हर कोई करता है नफरत, तुम यार कहां से आई
जीने की चाहत खो चुका मैं, फिर तुमने क्यों उम्मीद जगाई
हर कोई करता है नफरत, तुम यार कहां से आई
करते हैं उपहास सभी अब, फिर तुमने क्यों प्रीत लगाई
हर कोई करता है नफरत, तुम यार कहां से आई
मैं खुश था, खुश थी पाकर मुझको ये तन्हाई
हर कोई करता है नफरत,तुम यार कहां से आई
छाई थी दुख की घटाएं, सुख की ये बौछार कहां से आई
हर कोई करता है नफरत, तुम यार कहां से आई-