गमगीन लगते हैं तो कभी हैरान लगते हैं🌷
ये जमाने के लोग बड़े परेशान लगते हैं 🌿
"ए" मेरे सुकून बता तुझे ढूंढूं किस गली🌷
यहां सब मुझे तुझसे से अनजान लगते हैं 🌿
समंदर की लहरों से क्या डरूं मैं भी अब🌷
अब तो मुझे हवाओं में भी तूफान लगते हैं🌿
हर सूरत की सीरत की खबर नहीं मुझको🌷
यूं तो सब मुझे मुझ पर मेहरबान लगते हैं🌿
कहते हैं हर इंसान में ईश्वर स्वरूप होता है 🌷
मुझे तो इंसानों में छुपे कुछ शैतान लगते हैं 🌿-
काश गिरफ्तारी तेरी नजरो मे होती..!
तो हम दिल को उम्र कैद की सजा दिलवा देते..!!-
क्या मिट सकते हैं वह जज्बात जो जन्म ले चुके हैं
इस पृथ्वी में कुछ भी नश्वर नहीं है-
नसीब का लिखा कहां कोई बदल पाया है
जो लिखा तकदीर में बस वही हिस्से आया है
यूं तो शिकायतें बहुत हैं जिंदगी से मगर......
गिले शिकवे कर के भी कहां कभी कुछ पाया है ✍️-
मोहब्बत थी और है ,,
ये क़ैद नहीं इश्क़ है,
फरार तो नहीं थोड़ा दूर..
पर बहुत पास है ,
क्यूं निकला है ढूंढने ..?!
वो तो हर वक़्त तेरे साथ है ।।-
हवाओं ने रुख बदला प्यार में एक मोड़ आया,
यार तो मेरा बिछड़ा और रोना उसको आया।
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मौसम बदल गया है,
जो आत्मविश्वास का,
सवेरा आ गया है,
खुद का भाग्य,
खुद लिखने का,
हुनर सीखा गया है,
संदेह का कोहरा,
जो हट गया है,
हवाओं का रुख,
ही पलट गया है।
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हवा के रुख के संग अब मैं भी बहूँगा,
तन्हा मुसाफिर हूँ मगर अब तन्हा नही रहूँगा..-
हवा का रुख
सरसों की बाली कभी इधर उड़ती है, कभी उधर
हवा का रुख कभी इस ओर होता है, कभी उस ओर।
हवाएं कभी थम सी जाती हैं - सन्नाटे की तरह
कभी तूफान ले आती हैं - बदलाव की वजह।
हमें भी रुकना पड़ता है हवाओं के साथ, कई बार
दिशाओं को बदलना पड़ता है, उनके रुख अनुसार ।
जो देतीं है सांसें, उनकी तो सुनना ही होगा
कहती हैं, तो दिशाओं को भी बदलना होगा।
पर बे-मकसद हवाएं भी कभी नहीं रुकतीं
बेवजह अपनी दिशाएं कभी नहीं बदलतीं ।
हवाओं के रुकने का मकसद कुछ खास होता है
दिशा बदलने की वजह हमेशा बदलाव होता है।
हवाओं ने तो खुद रुकने से टोका है हमें
दिशाएं बदलने पर, खुद ही चेताया है हमें।
इसलिए सिर्फ रुकने के लिए, रुकने वाले नहीं हम
अपनी दिशाओं को यूंही बदलने वालों में से नहीं हम।
हवा अगर रुकने को कहे, रुक लेंगे कुछ कदम
मगर इशारा करे तो, जमाने की दिशा बदल देंगे हम।-