QUOTES ON #हरिवंशराय

#हरिवंशराय quotes

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2 AUG 2020 AT 8:49

अगर बिकी तेरी दोस्ती तो पहले खरीददार हम होंगे,
तुझे तेरी कीमत का अंदाजा नहीं सायद पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे

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18 JAN 2022 AT 8:59

अंगूरों की कुर्बानी, यहां ज़ाया नहीं जाएगी,
यह यारों की महफिल, सूखी नहीं जाएगी।

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12 JUL 2020 AT 6:27

उसके नयनों का जल खारा
है गंगा की निर्मल धारा
पावन कर देगी तन-मन को क्षण भर को साथ बहो!
दुखी मन से कुछ भी न कहो!

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27 NOV 2021 AT 20:56

मदमस्त तेरी नशीली-आंखे डुबाने वाली है,
मेरा यार, एक चलता-फिरता मयखाना हैं।

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1 MAY 2018 AT 0:39

मै यादों का
किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत
याद आते हैं।

मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं।

अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से....😔

कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं।

सबकी जिंदगी बदल गयी,
एक नए सिरे में ढल गयी...😔

किसी को नौकरी से फुरसत नही...
किसी को दोस्तों की जरुरत नही....😔

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26 APR 2022 AT 13:40

संस्कृति के जीवन मे सुभगे ऐसी भी घड़ियाँ आएंगी,
जब दिनकर की तमहर किरणें तम के भीतर छिप जाएंगी,
जब निज प्रियतम का शव रजनी तम की चादर से ढक देगी,
तब रवि शशि पोषित यह पृथ्वी कितने दिन खैर मनाएगी,
जब इस लम्बे चौडे जग का अस्तित्व ना रहने पाएगा,
तब तेरा मेरा नन्हा सा संसार ना जाने क्या होगा|
ऐसा फ़िर पतझड आएगा कोयल ना कुक्क फ़िर पाएगी,
बुलबुल ना अंधेरे में गा गा जीवन की ज्योत जगाएगी,
अगणित मृदु नव पल्लव के स्वर मर मर ना सुने फ़िर जाएंगे,
अलि अवली कलि दल पर गुन्जन करने के हेतु ना आएंगे,
जब इतनी असमय ध्वनियो का अवसान प्रिय हो जएगा,
तब शुष्क हमारे कंधो का उद्गार ना जाने क्या होगा,
दृग देख जहा तक पाते हैं तम का सागर लहराता है,
फ़िर भी उस पार खडा कोइ हम सबको खींच बुलाता है,
मैं आज चली तुम आओगे कल परसों सब संगी साथी,
दुनिया रोती धोती रहती जिसको जाना वह जाता है,
मेरा होता मन डग डगमग तट पर ही के हलकोरों से,
जब मै एकाकी पहुँचूंगी मझधार ना जाने क्या होगा.........
इस पार प्रिय......

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15 SEP 2024 AT 8:05

मृदु भावों के अंगूरों की
आज बना लाया हाला,
प्रियतम, अपने ही हाथों से
आज पिलाऊंगा प्याला;
पहले भोग लगा लूं तुझको
फिर प्रसाद जग पाएगा;
सबसे पहले तेरा स्वागत
करती मेरी मधुशाला ।

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1 JUL 2023 AT 13:09

कल खो दिया आज के लिए
आज खो दिया कल के लिए...
कभी जी ना सके हम आज के लिए।।
बीत रही है ज़िंदगी आज और कल के लिए ...😟

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18 JAN 2023 AT 8:12

मदमस्त मधुशाला की नशीली शाम होगी,
जब यारों की, महफ़िल सजी शाम होगी।

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27 NOV 2022 AT 14:36

मधुशाला की मद-मस्ती में देखों, झूम रहा संसार,
बस मतलब के धागों में गुथा बैठा हुआ यह संसार।

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