प्रेमिका हमेशा स्वतंत्र विचारों वाली सबको भाती,
जीवनसंगनी हमेशा गूंगी गुड़िया अच्छी लगती।
प्रेमिका की पतंग की डोर स्वयं उसके हाथों में होती ,
पत्नी तो हर किसी के हाथो की कठपुतली होती।
प्रेमिका को प्रेमी का प्रेम और पिता- सा स्नेह मिलता ,
जीवनसंगनी को केवल जिम्मेदारियों का बोझ।
प्रेमिका की आंखों में आत्मविश्वास झलकता,
जीवनसंगानी तो केवल लज्जा और आंसू ही ढोती ।-
थोड़ी देर और ठहर जाओ..मत जाओ.. जल्दी आ जाना...
ऐसा कहने वाले सिर्फ प्रेमी होते है पति नहीं ।-
वाणी में मधुरता,
हृदय में शुद्धता ,
आंखों में विनम्रता ,
मस्तिष्क में शांति और स्थिरता ,
प्रदान करना मां ।
"जय मां शारदे"-
गुलामी से आजादी तो मिल गई देश को,
मगर खुद के घरों में ही कैद हो गईं महिलाएं ।-
प्रिय स्त्री अपने तन और मन का ध्यान स्वयं रखना सीखो । माता-पिता के अलावा इस दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो तुम्हारा ख्याल रख सके । स्वयं को प्रथम स्थान पर रखो तभी स्वयं तथा अपने परिवार को खुशहाल रख सकती हो ।
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शायद हम वो आखरी पीढ़ी है जो अपने पिता को बाजार से लौटते वक्त, कुछ खाने को लाने बोलते थे। जिसे हम बिहारी "सौदा"बोलते है। सौदा का जगह अब स्विगी और जोमैटो ने ले लिया है मगर पिता द्वारा लाया गया सौदा में जो प्यार रहता है वो कहीं और नहीं मिल सकता।अगर मौका मिले तो अपने पिता से बच्चों की तरह मनुहार करके फिर से सौदा मंगवाए ताकि उन्हें और आपको वो खुशी फिर से मिले जो बचपन में आप देते थे ।
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छठ और शारदा सिन्हा जिनसे बिहार की पहचान है ,आज हमेशा के लिए अपनी अनमोल गीत को छोड़ कर चली गई।उनकी आवाज जिनसे लोकगीत को पहचान मिली तथा इस राज्य को देश-विदेश में सम्मान मिला। इसके लिए हम हृदय से आपको नमन करते है, साथ ही हमेशा आपके आभारी रहेंगे।ईश्वर आपके आत्मा को शांति प्रदान करें।
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