बहुत से कवि,शायर,लेखक हुए
समझौता शब्दों से न कर
हरफनमौला फनकार हुए..
ए कवि, तुम कलम उठाओ
लिख दो, जो भाव हैं तुम्हारे
क्रांति लाओ,समाज को जगाओ
भगतसिंह जैसे संग्राम लाओ
अपने शब्दों को तीर बनाओ
कलम उठाओ क्योंकि ....
तुम्हारे शब्द आज़ाद होते हैं..!-
भी कमाल की है
हरफनमौला थे हम
पर न जाने कैसे
तेरी सोहबत पाकर अपना हुनर भी भूल गये ।।-
या खुदा, क्या फन है तेरा
जाने कितनों को तूने फनकार बना डाला
नवाजा किसी को हुस्न से तूने
भला हमें क्यों हुस्न का बीमार बना डाला।।-
तुम खुद को मशगूल
हमें फुर्सत में मशहूर बताते हो
लेकिन वास्तव में
मेरे रहते तुम बेफिक्र रहते हो
झूठ क्यों कहते हो की
तुम फिक्र मेरी भी करते हो
पुरुषार्थ का ही हर वक्त
फिर तुम जिक्र क्यों करते हो-
मतलब की इस दुनिया में तू न इतना भोला-सा बन,
बनना ही है कुछ तुझको तो आग का गोला-सा बन,
अरे बहुत मिलेंगे तुझको जो तेरी जीत पर भी टोकेंगे,
जिसको नही मतलब सबसे तू बस उस हरफनमौला-सा बन। 😎😉
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इस बार कुछ मुश्किल सा मांगा हैं तुझसे ऐ ख़ुदा
कुबूल कर, मुमकिन कर,
साबित कर की तू भी हैं हरफन मौला ...-
रूस्वाइयाँ भी भली तल्खियाँ भी सही
अब इबादतों में नाम दोहराने से तो समझ आने से रहा
कि जान तुम क्या क्या नहीं-
गम जदा भी नही जो उनका सलाम न आया
खुश दिल भी नही जो संग दिल का पैगाम है आया
हरफनमौला हु अकेले अपनी छोटी सी दुनिया में।-
ना दीदार का शौक ना है फिक्र जुदाई का
खुशकिस्मत हैं वो जो मुहब्बत नहीं करते
मस्त फिजाओं में फिक्र करते कमाई का
खुशनसीब हैं वो जो रिश्वत मांगा नहीं करते
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हरफनमौला
वही, जो एक हो पर जिसके तरीके अनेक हो
वही, जो प्रारंभ से लेकर अंत तक बल बने
वही, जो चल दे नई राह, जहां कई भटके हो
वही जो प्राकृतिक रूप से ज़रा हटके हो
वही ’ हरफनमौला ’ कहलाए।
जो करे वो, और कोई न कर पाए
जिसे सीखना चाहे उसमे अव्वल आए
वही, मुस्किल में सबको जो याद आए
वही जो सब सही कर जाए,
वही ’ हरफनमौला ’ कहलाए।
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