कि सारी उम्र भी तुम्हारा इंतजार करना पड़े तो कर लेंगे हम।
तुम्हारे जाने के बाद भी तुम्हें ही प्यार करना पड़े तो कर लेंगे हम।
मान लिया कि हमारी किस्मत में तुम नहीं हो शायद,
मगर तुम्हें पाने के लिए मंदिरों में मन्नते बार- बार करना पड़े तो कर लेंगे हम।-
बस अगले जन्म में यही माता-पिता मिलें।😍😘
🇮🇳Junior Under O... read more
सर्दियों की ये बारिशें तुम्हें पसंद है क्या?
जो जल्दी पूरी न हो वो ख्वाहिशें तुम्हें पसंद है क्या?
और सुनो मम्मी कहती है की मैं बड़ा नादान हूँ,
तुम बताओ तुम्हें नादानियाँ पसंद है क्या?-
सर्दियों की ये बारिशें तुम्हें पसंद है क्या?
जो जल्दी पूरी न हो वो ख्वाहिशें तुम्हें पसंद है क्या?
और सुनो मम्मी कहती है की मैं बड़ा नादान हूँ,
तुम बताओ तुम्हें नादानियाँ पसंद है क्या?-
कबसे तेरी करुणा के इंतजार में है हम राधे।
कभी तो नजरें हमारी ओर भी ठहरेंगी तुम्हारी। 🌻♥️-
उसके आने से दिल को सुकून जो मिलता है।
जैसे बरसों से तरसती निगाहें तलाश में थी उसके।
-
चमक सितारों में होती तो चांद फीका पड़ जाता।
तो अपने सितारों को इतना चमकाओ कि चांद भी उसमें धूमिल हो जाये।-
बरसों बाद फिर वहीं ख्याल दिल में उतर आया।
आँखों के सामने फिर वही खूबसूरत चेहरा और शहर आया।
सोच रहे थे कि रोककर उन्हें करे शिकवा हम उनसे,
मगर सपना टूटा आँखे खुली तो दिल फिर से बिखरा नजर आया।-
Suno na kuch din ruk jao na
Tumhare liye dp kya mai poster lagwaunga
Tum kahoge to khud akhbaar me dekar aaunga
Suno na kuch din ruk jao na
Tumhari saree ke pallu me chhupkar me tumko hi daraunga
Tumhari chummi lekar me tumhare gaal geele kar jaunga
Suno na kuch din ruk jao na
Tumhe baho me bharke apne seene pe rakhkar poori raat sulaunga
Subah ki chay ke sath tumhe choomte hue nind se jagaunga
Suno na bas kuch din ruk jao na
Read caption for full Poetry-
क्या हो तुम?
सुबह की पहली धूप हो🌞
बादल-सा स्वरूप हो☁️
माँ का दूसरा रूप हो तुम।🤱🏻
डूबते सूर्य की भीनी शाम हो🌄
कामदेव में बसी काम हो😘
थकावट में मिले वो आराम हो तुम।💆🏻
जिन्दगी का खूबसूरत ख्वाब हो🛌
नशा न उतरे वो शराब हो🍷
और फूलों में भी गुलाब हो तुम।🌹
दिल में बसी जान हो❤️
शरारत की दुकान हो💃🏻
मेरे होठों की मुस्कान हो तुम।😄
पूरी कविता पढ़ने के लिए कृपया caption देखें। 🤞🏻🙏🏻-
तुम चाय की ठंडी प्याली प्रिये और भाप-सा गरम हूँ मैं।
तुम बातों से बहुत कड़क हो और दिल का नरम हूँ मैं।
तुम अनसुलझी कोई पहेली और एक कहानी सरल हूँ मैं।
तुम एक खूबसूरत ख्वाब प्रिये और व्यक्तित्व असल हूँ मैं।
तुम गुलाब के खुशबू जैसी और बरसात में मिट्टी की महक हूँ मैं।
तुम दूर पड़ी कोई मंजिल हो और कोई टूटी-फूटी सड़क हूँ मैं।
कि तुम आशिक चाऊमिन, मोमोस के हो और मैं सादा खाने वाला हूँ।
तुम्हें पसंद है कॉफी प्रिये और मैं चाय का दीवाना हूँ।
तुम खिला हुआ एक सूर्यमुखी हो और मुरझाता हुआ एक गुलाब हूँ मैं।
तुम्हें चाहिए कोई चालाक तुम-सा और पागलों का नवाब हूँ मैं।
यूँ ही हो जाये सबसे ग़ालिब ये प्यार नहीं कोई खेल प्रिये।
तुम आस लगाकर बैठें तो हो पर मुश्किल है अपना मेल प्रिये!-