19 MAY 2021 AT 9:55
हंसते हैं
रोज़ हंसते हैं
रोते-रोते
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रोते हैं
रोज़ रोते हैं
हंसते-हंसते-
6 MAY AT 20:52
पेशावर कातिल हो तुम सिपाही नहीं,
पूरी शिद्दत से स्वागत करेंगे हम तेरा,
युद्ध के मैदान में हम तेरे भाई नहीं।*
पढ़ा देंगे तुझको धर्म का पाठ ,
धर्म के नाम पर मारने वाले तुम गद्दार हो इंसान नहीं।
पूछ लेना अपने उस खुदा से जिसके विस्तार में तुम निकले थे
वो खुद भगवान का पैगाम देने वाला था कोई भगवान नहीं।
✍️अनिमेष मंडल
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