तेरी याद में मेरा झूमना....मेरा हज है मेरी नमाज़ है
ये गुनाह है तो हुआ करे, मुझे इस गुनाह पे नाज़ है.....!!!
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दुनिया की फ़िक़्र छोड़ दी हमने,
हम आख़िरत बेहतर कर हज़ को चलेंगे,
और मुझे यक़ीन है मेरे उस ख़ुदा पर,
क़े वक़्त आने पर ये वक़्त भी बदलेंगे...-
देखा करो मुस्कुरा कर मां को अपनी,
"नूर" हर किसी के क़िस्मत में हज नहीं होता!-
हज
महगा हो गया है
लेकिन...
माँ के चेहरे की
ज़ियारत बिल्कुल
फ्री है...!-
डिअर अम्मी अब्बू,
सबको जाने दीजिये तारो के शहर में,
हम आपके साथ चलेंगे मुहम्मद के शहर में।
❤️❤️
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हराम की कमाई से ,
वो हज भी कबूल नहीं करता है,
अरे ! वो मालिक है ,
सब पर नज़र रखता है।-
हज मुबारक,حج مبارک
हुक्म हुआ ख़ुदा काऔर बंदो ने कहा लब्बैक
पहुंचकर इस मुक़द्दस जगाह बराबर हे हर एक!
حکم ہوا خدا کا اور بندوں نے کہا لبیک
پہنچکر اس مقدص جگہ برابر ہے ہر ایک!
लब्बैक/मैं हाज़िर हूं-
तेरी हस्ती कब खाक हो जाएगी
मदीने हज की कोशिश मे
न जाने कब तेरी सोहबत लुट जाएगी
शागिर्दो की पहचान करते करते
न जाने कब तेरी बस्ती मिट जाएगी
जो है जी लो...न जाने वक्त की तख्ती कब पलट जाएगी।-