मुझसे पूछो मत कोई
के वो कितनी हसीन लगती है मुझे।
अरे... मुझसे पूछो मत कोई
के वो कितनी हसीन लगती है मुझे।
दिखती तो वो सिर्फ खाबो में है मगर
मेरा यकीन लगती है वो मुझे...-
# 30-03-2021 # काव्य कुसुम # गुलमोहर #
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गुलमोहर का पेड़ अपने शबाब पर उन्मुक्त-सा मचलता है ।
फूल गुलमोहर का अपनी ख़ुशबू से अल्हड़-सा महकता है ।
हो रंग-रूप,ख़ुशबू गुलमोहर-सी जो सुकून दे सके सबको -
गुलमोहर का अप्रतिम सौंदर्य सर्वत्र सौरभ-सा बिखरता है ।
************** गुड मार्निग ************-
जिसे aaz तक मैं अपने दर्दों ka गुनहगार kehta रहा
आज usne कुबूल apni सारी खामियां kr ली
में ही फिजूल में glt समझता रहा उसे hmesha
सुना आज usne भी मेरा nam सुनते ही apni आखें भर ली-
जब kabil नहीं उसके mein
तो pasnd वो मुझ ko आई क्यों hogi।२
Bda तड़पाती हैं ये mohobbat diwano ko
ऐ khuda ये mohobbat तूने बनाई kyun होगी-
मेरे प्यारे भैया,
जियो हजारों साल
जन्मदिवस पर खुशियां
मिले हजार जन्मदिन
की बहुत-बहुत
शुभकामनाएं भैया!!
🎂🎂🎂🎂🎂-
Time
जब अपने हमें गुनहगार समझने लगें ।
तब जीना बड़ा मुश्किल हो जाता है।।।-
अपनी दुनिया में तू मुझ को ले चल
अपने अंदाज में तू प्यार मुझे कर।
हर पल तेरे साथ रहूं , तेरी बाहों में सो जाऊं
अब तो मुझे मोहब्बत से रूबरू कर ।।
आई लव यू-