बाप - घर वापसी
एक बाप कर रहा है आज घर वापसी।
उसकी दुनिया नहीं है इतनी खास सी।
सुना नौकरी से सेवानिवृत्त होकर घर आ रहा है।
तो वापस लौट कर ही क्यों आ रहा है।
लोगों को कानाफूसी करने में मज़ा आ रहा है।
यहां परवाह ही किसे है उसकी ।
इनको तो दौलत से प्यार है उसकी।
जब तक लुटाई बेशुमार दौलत उसने।
तब तक पाई अपनों के दिलों में जगह उसने।
हैरानी है मुझे उसके परिवारवालों पर।
अपने संरक्षक को पैसे कमाने वाली मशीन समझने पर।
बीवी के लिए एकमात्र श्रृंगार का प्रतीक है वो।
जिसके लिए सजती है उसी की इज्ज़त नहीं करती है वो।
अपने लड़के और लड़की के लिए संरक्षक ना होकर।
उनके आनंदमय जीवन में खलल डालने वाला है वो।
रिश्तेदारों के लिए मुसीबत की घड़ी में इकलौता सहारा है वो।
फिर आज उस बाप की घर वापसी पे ये सवाल क्यों हैं??
जिसने लुटाया जीवन सारा उसी को अपनाने में ये हर्ज क्यों हैं?
सेवानिवृत्त वो सिर्फ अपने काम से हुआ है।
तुम्हारे जीवन से नहीं हुआ है।
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ज्वार भावनाओं के, उमड़ते आते हैं,
आज दिल से, दिल की बात, हम बताते हैं,
पड़ाव अवकाश का भी, सुखद तो है लेकिन,
देखते नहीं बनता, कि आप जाते हैं,
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Many things move through my mind,
Truly said that love is blind.
Love ignores the most mistakes,
often comes with sweets and cakes.
O! God bless me respond someday,
All my friends have made my day,
Happy with, that I found today.-
read in caption
for mom plzz👇👇👇
आज मेरी माँ स्कूल teacher से retired हूई-
All my friends have made my day
Happy with that I found today.
Overwhelming, thoughts and love,
all of them were bright as dove.
Help me please now what to say,
All my friends have made my day,
Happy with, that I found today.-
come let’s burn evils and hate,
welcome joy with open gate.
Don’t always need a big start,
Small things in life are works of art.
Conquered my heart in a noble way,
All my friends have made my day,
Happy with, that I found today.-
प्रिय जया,
आयुष्याच्या एका मोठ्या जबाबदारीतून तू होत आहेस आज मुक्त,
समृद्ध होती कारकीर्द तुझी तशीच अनुभवाने संचित,
तुझ्या येण्याने जीवन माझे सार्थकी आणि परिपूर्ण,
सोबती तुझ्या ते एक ऐहिक विलोपन..!!
पहिल्यापासूनच कष्टाने तुझी कधी सोडली नाही पाठ,
सुखदुःखात साथ दिलीस आणि देतेस जेव्हापासून बांधली आपली जीवनगाठ,
कर्तव्यपूर्तीसाठी घेतलेस कष्ट तू अपार,
आता थोड्या विश्रांतीचे स्वागत व्हावे साभार..!!
घरातील सर्व आटोपून शाळेत जाण्याची नसेल आता लगबग,
कुटुंबाच्या जबाबदाऱ्या पार पाडत आलीस
किती ही झाली जीवाची तगमग,
व्यक्त होत आहेत मनातील भावना आज दिवस आहे खास,
कौतुकास्पद आहे सारं म्हणून तुझ्यासाठी हा लिहिण्याचा अट्टहास..!!
बस ! आता आरोग्य धन
घेऊन यावी सुखाची लाट,
नव्या दिनचर्येसोबत नव्या
स्वप्नांची असावी उद्याची पहाट,
घड्याळाच्या काट्यावर चालणारे आयुष्य उद्या नवे वळण घेईल,
अन सेवनिवृत्तीचा सहवास आता दोघांनाही आनंद देऊन जाईल..!!-