QUOTES ON #सुधार

#सुधार quotes

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21 MAY 2021 AT 9:23

तुमने जो गलती की है
उसे सुधार पाओगे क्या?

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9 NOV 2020 AT 18:48

अचानक से मेरी तबीयत में सुधार आ गया
जबसे हुआ है तबादला मेरा उसके शहर में

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20 DEC 2017 AT 17:47

चरित्र पे लगे दाग
वो पसीने से मिटा रहा है,
कल वहशी था
आज खुद के अंदर का इंसान जगा रहा है।

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7 FEB 2021 AT 7:44

और दो दिन की मोहब्बत करे वो आशिक
जिसे हवस हो तेरे जिस्म की
की दो दिन की mohhbat करे वो आशिक जिसे
हवस हो तेरे जिस्म की मै निभाना चाहता हू तेरा

साथ मुझे आदत है तेरे इश्क़ की

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17 JAN 2019 AT 22:00

चलो इश्क़ का कारोबार करते हैं
नगद न हो तो उधार करते हैं
हो जाये जो भूल चूक बही खाते में
लाल कलम से सुधार करते हैं

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20 JUN 2020 AT 7:49

✨✍️वार्तालाप एवं सुधार✍️✨ (✍️ काल्पनिक रचना, २०/०६/२०२०)



ज़रा देखिए उस ज़ालिम को,
ज़रा सोचता ही नहीं है कुछ। ...✍️✨

आखिर क्या हुआ उस तालीम को
जिसे पाता था शिद्दत से रोज पूछ। ...✍️✨

कभी लोगों के मध्य मशहूर था वो,
धूमिल हो गई इज्जत न जाने क्यों? ...✍️✨


अब तो यूँ बातों बात में उसे बकवास पसंद था,
कारण यही थी कि लोगों के बीच नजरबंद था। ...✍️✨

हाँ, बिन अल्फाज़ों के अफसाना भी तो अधूरी है।
पर कुछ कहने से पहले सोचना भी तो जरूरी है। ...✍️✨

बक बक करने वालों की करोड़ों की तादाद है यहाँ,
विचित्र है यह बात विस्मित जो करती हमें बेइंतहा। ...✍️✨

वक्त, कब कैसे कहाँ, क्यों मोड़ लेगी, न किसी को है पता।
वार्तालाप कोई भी हो वह ऐसा हो कि न कोई भी हो खता। ...✍️✨

ज़रा थोड़ा ही करें सुधार न ज्यादा, मुझ "ऋषि" से देखा जाएगा।
पता जो है वह खुद ही गलत अभी, वह सुधर के फिर से आएगा। ...✍️✨

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10 FEB 2018 AT 0:51

करने लगे हैं वो जानबूझ कर गलतियाँ
हम भी समझ गये हैं, अब उन्हें नहीं सुधारते

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सोपान चढ़ता है मृगांक निश दिन
अल्प-अल्प परिवर्तनों से ही सही

कुहू में हो जाता है वह ओझल
परंतु खोता अस्तित्व न कदापि

धवलिमा संग संजोय है दाग भी
उसे निंदाओं से अंतर पड़ता नहीं!

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मेरे इस दिल को तोड़ कर
आखिर मिला है क्या

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2 AUG 2018 AT 13:14

हुई हैं मुझसे कितनी ही गलतियाँ
सब गलतियों को सुधार के अपनी जिंदगी में खुशीयाँ भरनी है,

सावन की बारिश में भीग कर उन एहसासो को मिटाना हैं बारिश की बूँदों से अपने दिल से उन यादों को धोना हैं,

अपनी खुशी को भूल कर अब अपनो में खुशीयाँ ढ़ुढनी हैं मन भटका था जो कही उसे सही राह दिखलानी हैं,

दो पल की है ये जिंदगी अपने हर दर्द से इसे उबारनी हैं
अपने दिल के हर गमो को सिने में दफ़न कर जाना हैं ,

फिर से अपनी जिंदगी को फूलों सा महकना हैं
सब कुछ भूल के हमको आगे बढ़ जाना हैं ,
-Sunita Singh

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