तुम्हे सुकून कहु बसंत की बयार कहु या सावन की बरसात कहूँ मैं उ पमाओ की सुंदरता समझता हूँ किन्तु तुम्हे इन सबसे बड़कर मानता हूँ तुम सबसे सरल हों सबसे महत्व पूर्ण हों तुम तो हों गीता का श्लोक और मैं वह पाप ग्रस्त दुरात्मा जिसके उच्चारण मात्र से मैं नांग सकूँगा स्वर्ग का द्वार