रिश्ता सिर्फ़ मुलाकातों का मोहताज़ नही,
मिलने वाले तो ख़्वाबो में भी मिलते हैं।।-
सोचता हूँ लिखूं कुछ ऐसा गहरा सा,
पढ़े जिसे कोई भी पर समझ बस तुम सकों...✍️✍️-
कुछ रिश्ते और लोग
ना चाहते हुए भी हमारी ज़िन्दगी मे आ जाते हैं
जिन्हे
ना हम छोड़ सकते है ना निभा सकते है 😞-
दोनों के बीच की दूरिया बता रही है आज,
कि रिश्ता कितने क़रीब का था दोनों का।।-
दिल लगाना हो, तो सिर्फ़ दृष्टि आईएएस की किताबों से लगाओ,
अगर बेवफ़ा भी निकली तो...... आईएएस बना कर ही छोड़ेंगी।।-
मैं ढूंढ रहा था कि किसी ख़ास को इस दौर-ए-ख़ुदग़र्ज़ में
मगर पाया तो सिर्फ़ ख़ुद को तन्हा इस ग़म-ए-जहां में-
मै हर दिन देखता हूं मां को
सुबह की पहली चाय से लेकर
रात के आख़िरी दूध देने तक
सिर्फ़ मां ही है
जिसे आराम नहीं चाहिए होता है।।-
बेरोजगार हूं
काम चाहिए!
लिखता हूं
जो तुम पर,
मेहनताने में मुझे
तुम्हारी
मुस्कान चाहिए।-
ख़ता तो उसने भी की थी मोहब्बत-ए- इश्क करने की
मगर सजा-ए-मौत सिर्फ़ मुझे ही क्यों मिली थी-