वह यौवन भी क्या यौवन है
जिसमें मुख पर लाली न हुई,
अलकें घूँघरवाली न हुईं
आँखें रस की प्याली न हुईं।
वह जीवन भी क्या जीवन है
जिसमें मनुष्य जीजा न बना,
वह जीजा भी क्या जीजा है
जिसके छोटी साली न हुई।
मुझको ही देखो साली बिन
जीवन ठाली-सा लगता है,
सालों का जीजा जी कहना
मुझको गाली सा लगता है।
यदि प्रभु के परम पराक्रम से
कोई साली पा जाता मैं,
तो भला हास्य-रस में लिखकर
पत्नी को गीत बनाता मैं?-
साली तो रस की प्याली है,
साली क्या है रसगुल्ला है
साली तो मधुर मलाई-सी,
अथवा रबड़ी का कुल्ला है।
पत्नी तो सख्त छुहारा है
हरदम सिकुड़ी ही रहती है
साली है फाँक संतरे की,
जो कुछ है खुल्लमखुल्ला है।-
साली तो रस की प्याली है,
साली क्या है रसगुल्ला है
साली तो मधुर मलाई-सी,
अथवा रबड़ी का कुल्ला है।
पत्नी तो सख्त छुहारा है
हरदम सिकुड़ी ही रहती है
साली है फाँक संतरे की,
जो कुछ है खुल्लमखुल्ला है।-
मेरी साली साहिबा ना इतनी लालची है
चॉकलेट की क्या बताऊँ
मेरे शादी वाले दिन मेरे जूते चुरा लिये
और पैसे के जगह चॉकलेट माँगने लगी
मैनें भी झट से 5 rs वाला munch दे दिया
बहुत खुश हो गयी 🤣🤣🤣🤣🤣
साली हो तो ऐसी😂😂😂😂😂😂-
लाइफ की ऐसी वाट लगी पड़ी हैं की
अगर कुत्ता भी भौकता हैं तो लगता हैं "एडवाइस"
देकर गया हैं|-
गुलाब पे मरते है सभी
मेरी मृत्युशैया डाली क्यों नहीं ?
अगर मुमकिन ना थी
तो तुने बात टाली क्यों नहीं ?
अगर फूल है तू सुहाना
तो बनूं मैं माली क्यों नहीं ?
अगर मंजूर हूं मैं जीजा जैसे
तो वो मेरी साली क्यों नहीं ?
अगर समजती है तू "काल" मुझे
तो बनती मेरी "काली" क्यों नहीं ?
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The father goes to work, the son sleeps at home,
बाप अगर दो बोल बोल दे, तनिक न भाता है।
साली गर गाली भी देवे, तो खुश हो जाता है।।
सहारा होते हुए भी बाप, बेसहारा होता है।
बाप काम पर जाता है, बेटा घर पर सोता है।।
Read my caption's-
साली हो या चाय की प्याली
तलब दोनों की लगा करती है।
है दोनों में काफी समानताएं
सुबह चाय ना मिले तो सर दर्द
साली ना हो तो जीवन नीरस।
गर्म हो चाय तो मुंह जला देती है
गुस्से में हो साली मुड़ आफ कर देती।
चाय सुबह,दोपहर,शाम होती अच्छी
साली हर दिन हर मौसम होती अच्छी
जैसे चाय की जरूरत होती है
वैसे साली भी जरूरी होती है।
चाय की प्याली हो साथ साली हो
तब जीने का मजा ही मजा है।
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होली का रंग
और साली का संग।
प्रेम और आंनद का
अदभुत है संगम।
साली से रंगवाना
और रंगना भी प्रेम है।
बिन साली होली बेरंग है।
साली भी सम्मानीय है
वो साली ही नही, दोस्त
ज्यादा हुआ करती है।
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