दो हज़ार का नोट जेब में रख कर, दो रूपये की भीख देने वाले, इस देश में ख़ुद को "सच्चा समाजवादी" समझते हैं।
हास्यास्पद है!
पर समझे भी क्यों ना?
एक स्वघोषित समाजवादी हर हाल में बेहतर है उस एक "छद्मवेशी पूंजीवादी" से जो भुखमरी पर चिंता तो बहुत व्यक्त करता है पर रेड पड़ते ही लाखो-करोड़ो रुपयों से भरा बोरा आग में धकेलने से नहीं चूकता!-
राज बदल जाएगा तख़्त-ओ-ताज बदल जाएगा
आएंगे अखिलेश तो बेईमानों की सरकार बदल जाएगा
बेरोज़गारी ख़त्म कर रोज़गार दे जाएगा
हर घर में उजाला हर घर में खुशहाली दे जाएगा
पढ़े बेटी बढ़े बेटी को धरती पर भी लाएगा
घर-घर में शिक्षा का वो चिराग जला जाएगा
वो आएगा तो साथ में विकास भी लाएगा
हर गली हर मोड़ पर समाजवाद नज़र आएगा
हालत सुधर जाएगा तस्वीर बदल जाएगा
आएंगे अखिलेश तो तकदीर बदल जाएगा-
समाजवादी टोपी वाले अब रंगरेज़ लगते हैं
जिनका हिला भी नहीं मकां उसमे छेद लगते हैं
उन माबूदों का क्या करें अब, जिन्हें पूजते थे हम
हमे तो उसके रंग भी अब, सफेदपोश लगते हैं
चिंगारी गिरी थी कहीं, आग कहीं और लग गयी
क्या माज़रा है, हमे तो अब सब चोर लगते हैं
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ब्रिटिश हुकूमत की नींव को, एक नारे से हिलाने वाले,
भारत छोड़ो नारे के सूत्रधार यूसुफ़ जाफ़र मेहर अली।-
अपनी मुहब्बत में भी अजीब सी उदासी है , मै BJP का बहुत बड़ा समर्थक और उसके पापा samajwadi के प्रत्याशी है
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ब्रिटिश साम्राज्य की जड़े-नीवं हिलाने वाले,
भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमूल्य रत्न,
साइमन गो बैक, भारत छोड़ो के नारों वाले,
स्वतंत्रता सेनानी यूसुफ़ जाफ़र मेहर अली।-
'भारत छोड़ो' नारे से क्रांतित्तव जगाने वाले,
स्वतंत्रता सेनानी यूसुफ़ जाफ़र मेहर अली।-
साइमन गो बैक तथा भारत छोड़ो नारों के सूत्रधार,
स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता यूसुफ़ जाफ़र मेहर अली।-