शायद मेरे शब्द ही होते हैं जहरीले
सफ़ेद कागज भी नीले पड़ जाते हैं-
इस सफ़ेद रंग के बारे में क्या कहूँ,
कुछ अलग ही तरह के रोचक तथ्य है इसके,
इसकी जरुरत गठबन्धन समय भी परती है और गाठ टूटने पर भी इसकी ही जरूरत पड़ती है।-
सुनो जिसका करती है
धरती बेसब्री से इंतज़ार
जो झमाझम बरस के
बुझायेगा धरती की प्यास
तुम हो वो.... घनघोर 'काला' बादल
और जो बरसेगा नहीं
ना इकट्ठी कर पाया
पानी की बूंदें भी
उड़ेगा निर्भार,
निर्भयता और निश्चिंतता
के पंख लगाकर
प्रेम के अंतहीन आकाश में सदा के लिए...
वो मैं हूं.... अड़ियल उदासीन "सफेद" बादल !!!
-
लिबास काला हो या सफेद उसका जादू चलता है ,
दिल के आंगन में उसके नाम का कमल खिलता है।-
काली सी आँख की सफेद सी पुतली है
फूल से चाँद पर बादलों की तितली है-
हाँ, वो तेरा सफेद इश्क़ ही होगा शायद...
जो हर पल मुझे,
मुझसे ही दूर ले जाता है..
जो हर पल तुझे,
मेरे करीब लाता है..
जो बस एक तेरा ख्याल और,
मेरे चेहरे पर मुस्कान लाता है..
जो मेरी हर एक लम्हें को,
खुशनुमा बनाता है..
जो मेरे दिल के अंधेरे कोने में,
एक रोशनी सा जलता जाता है..
जो शीशे में खुद को देखकर,
शर्मो हया की सारी हदें पार कर जाता है..
हां वो तेरा सफेद इश्क़.. बस इश्क़...!!-
बंदरों के हाथ उस्तरा थमा गये
वो सफेदपोश किसी को भगवा किसी को हरा थमा गये-
समाज भी कैसे रंग बदलता है....
जब कोई पति दुनिया छोड़ चले जाए,
तो यह पत्नी पर सफेद रंग ओढ़ाता है....
जब कोई पत्नी दुनिया छोड़ चली जाए,
तो यही समाज पति के हाथ पीले कराता है....-