मैं विश्व को चुनौती देता हूँ कि संस्कृत दर्शन की समूची व्यवस्था में एक भी ऐसा वाक्य ढूँढ़ कर दिखाये कि सिर्फ़ हिन्दुओं का उद्धार होगा, दूसरों का नहीं।
-
गांव का बेटा हूँ साहब,
यहाँ गिफ्ट देने सैंटा नहीं आशीर्वाद देने संत आते हैं
इसीलिए हम तुलसी पूजन दिवस मनाते हैं
तुलसी पूजन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
🙏प्रातःवंदन राधे राधे🙏-
चर्मोत्कर्ष मलंग रहूँ मैं अपनी इसी, फकीरी में
महाभट अब बचा नहीं शायद, कोई इस मही में
निर्लिप्त बनी आत्मा मेरी, जग के व्यर्थ सवालों से
हल सारे क्यूँ छुपे हुए है जग की, इसी पहेली में
हो जाते नतमस्तक मनीषी भी, छोड़ के सारे तर्क
शीतोष्ण वायु भर लूं अपनी, इस खाली झोली में
झुक जाएगा जग ये सारा पर मैं, झुक न पाऊंगा
शंखनाद की गूँज है प्यारे मेरी इस मुरली में
हिंद किरीट की रक्षा करने,ये प्राण दांव पर आए है
धर्म की रक्षा सदैव करुंगा, अपनी हिंदी बोली में
— % &-
मैं सर्वोत्तम हूं मैं हीं परम आत्मा हूं
मुझ मैं सब आत्मा विलीन हैं!
और मैं सब आत्मा में विलीन हूं
मैं सनातन हूं मुझ से हीं सनातन है।
मेरी पहचान सत् संस्कृति सत्य से है
सात्विक आहार और सद्व्यवहार में हूं
सदाचार सत् चित् आनंद का विचार
यहीं सद् सनातन मेरी आनंद पहचान है।-
अज्ञान हमें लोभ के जरिए लाचार करता है
लाचारी हमें गुलाम बनाती है गुलामी से शोषण होता है। शोषण से धीरे धीरे दुःख और दर्द मिलता है फ़िर अज्ञान ही हमें दुःख और दर्द से मृत्यु के घाट उतार देता है।-
माँ सुबह उठ झाड़ू लगाती है।
लड्डू गोपाल को निहलती है।
श्रृंगार करके फिर भोग लगाती है।
तुलसी को जल चढ़ाती है।।
-
अरे ना उपहार दिया कर, ज्ञान का
कोई मोल नहीं हो, हे हां सन्मार्ग का
सही राह दिखाए ते, हर जीवात्मा को
हरे परमार्थ दिखाया करें हे, परमात्मा।-
धर्म ध्वजा के स्तंभ बनकर।
खुद ही ब्रह्म चले आये।।
शास्त्रो की बात करने वाले।
रक्षा में शस्त्र उठा लाये।।
ब्रह्म होकर भी जिसने।
इंसानों की तरह कष्ट उठाये।
करके राजतंत्र व्यवस्थित ।
उन्होंने शिव को शीश नवाये।
ऐसे प्रतापी स्वरूप को ।
मेरा दिल पुनः पुनः स्तुति गाये-
माला छूटी ,जप छूटा ,छूट गए राम।
याद बस रह गया लोभ मोह और काम।।
-