करोडोंको पिलाया अपने हक का पाणी...
आओ बताऊँ एक शेर की कहाणी...-
अत्याचार बेखौफ था
हिंसा थी बाचाल
क्रूरता के हाथों में थी
देश की कमान
गुलामी की त्रासदी में
देश हुआ बेहाल।
सद्भभावना, सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह
के पथ पर चले निरंतर
हाथ में लाठी, बदन पर दुशाला धोती,
तन हाड़ समान।
बिना अस्त्र दिलायी आजादी
दिया देश को स्वराज्य सम्मान।
ऐसे शान्ति दूत बापू को
मेरा शत् शत् बार प्रणाम॥
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सत्याग्रह पर बैठा है
दीवार में दर्पण मेरा,
अस्वीकार करता है
झूठा सच अर्पण मेरा।
धुंध ओढ़ता है, मुँह मोड़ता है
जो ना हो सच्चा समर्पण मेरा,
हो सत्य साथ मेरे जब जिस पल
लड़े है कौरवों से करे समर्थन मेरा।
कहता है अमृत ढूंढ़
मुझ संग करे मंथन मेरा,
सत्याग्रह पर बैठा है
दीवार में दर्पण मेरा।-
मुझमें भी ईश्वर एक गांधी हो
अपनी चाल चलूं, अपने डगर
शांत-चित और अंदर आँधी हो!!
उतारा न गया, उतरा हूँ ट्रेन से
निडर रह मुझमें देने को माफी हो
मुझमें भी ईश्वर एक गांधी हो!!
अविचल चलना मान कर नियति
सत्याग्रह करते आँखों में डांडी हो
मुझमें भी ईश्वर एक गांधी हो!!
अपादमस्तक मोहन हो मुझमें
आरोपी हूँ, वैसी कुछ झांकी हो
मुझमें भी ईश्वर एक गांधी हो!!
जब भी नजरें चुरायी है तुझसे
सब सरल, मेरी तो जैसे चाँदी हो
मुझमें भी ईश्वर एक गांधी हो!!
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सत्याग्रह....
स्वस्थाग्रह ....
स्वच्छाग्रह......
Time for
Earth-आग्रह.....
I refused to take Polythene bag from Sabji-waale bhaiya..
and what about you?
I putted cookies' wrapper in my denim pocket when I was walking on the road.....
and what about you?
There's a lot more you can do !...
चाहे वो प्रकृति के साथ कोई और विनम्रता भरा रिश्ता क्यों ना हो?.......
#Hashtag____Earth-आग्रह.🌍🌳🏞️-
पाण्याचा झोत खुला झाला
पाण्याच्या घोटासाठी तो वणवण फिरला,
चवदार तळ्याचे पाणी चाखून भीमाने ,
दिनदलितांसाठी पाण्याचा सत्याग्रह केला,
आयुष्य हे एक सुकलेल्या झाडाप्रमाणे जगत होतो,
पाण्याच्या एका स्पर्शाने आम्ही,
सारे पाण्याला स्पर्श करत होतो,
समाज्यातील समाजकंठक नेहमी विरोध करत होते,
त्यांच्या पोकळ धमक्यांना,
ते स्वतःच घाबरत होते,
आली मोठी संकट मागे नाही फिरले,
पाण्याला स्पर्श करून भीमाने,
सर्वांसाठी चवदार तळे खुले केले.-
नऊ कोटी जनतेला एका ओंजळीने पाजले पाणी...
काय सांगू तुम्हाला त्या वाघाची कहाणी...!-
शराफत की दुनिया के कई गुनहगार होते हैं
होते नहीं पर सरकारों ने किए बेरोजगार होते हैं
अपनों से ही अपनी जंग के तरफदार होते हैं
किताबों में अरमान लिए रातों को भी न सोते हैं
सत्याग्रह
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इस संसार में परिवर्तन के अभिलाषियों ने सदा ही कानून को तोड़ा है ।
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