༒ ꧁ अलफाज ए दिल ꧂ ༒
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समझने वाले तो .....
ख़ामोशी भी समझ लेते हैं ...
न समझने वाले तो ....
जज़्बातों का भी मज़ाक़ बना देते हैं...
༒꧁SHIVKUMARBARMAN꧂༒
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जीवन की पहली गुरू वो मेरी माँ है ,
जिसने सिर्फ कलम पकड़ना ही नही सिखाया
बल्कि कलम के सहारे आत्मसम्मान, और
निडरता से जीना भी सिखाया ।
गुरू के रूप मे मेरी माँ कौ शत् शत् प्रणाम
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परिंदा कहता है की मेरे पंख को खोल दो
अभी तो और मेरी उड़ान बाकी है
मेरी मंजिल ये ज़मीन नहीं है
अभी तो ये पूरा आसमान ही बाकी है । 🕊️-
चेहरे को देखा तो कर ली चार बातें चार दिन
दिल नहीं देखा किसी ने, अब भी यहां वीरानगी...-
परिंदा वही जो उड़ता रहे,
आसमान छूने की सिर्फ चाहत काफी नहीं,
थक भी जाओ तो थोड़ा ठहर जाना,
यूँ मंजिल बदल लेने में कोई राहत नहीं,
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किसी रिश्ते को कितनी भी
खुबसूरती से क्यों न बांधा जाए,
अगर नजरो में इज्जत और
बोलने में लिहाज न हो तो
वह टूट जाता है....!✍️🌸-
नादान है नदी तभी तो
सागर से प्यार कर बैठी है
अपना वजूद खोने के लिए
खुद को तैयार कर बैठी है-
वो अच्छा है तो बेहतर और बुरा भी है तो कबूल
मिजाज–ए–इश्क में ऐब ए यार नहीं देखे जाते...-
वो मुझ तक आने की राह चाहती है...
लेकिन मेरी माहोंब्बत का गवाह भी चाहती है...
वो खुद आते जाते मौसमों की तरह है...
और वो मेरे प्यार की इन्तेहा चाहती है...-
यूँ ही मुझे कुछ लिखते हुए ख्याल आया
एक शक़्स मेरी जिंदगी में बेमिसाल आया
आये तो बहुत इस मेरे दिल मे मगर
एक तु ही हैं, दिल जिसपे पहली बार आया !! 😍❤-