यह जो कहानी है
वो हमारी है
❤❤
चलो माना
वो आज भी अधूरी है,
हमारे दरमियाँ कुछ दूरी है,
पर भूल जाऊ तुझे क्या यह जरूरी है??
माना कहानी हमारी थोड़ी फ़िल्मी है
जो असलियत में ना मिले यहाँ वो बेफिक्री है ,
पर भूल जाऊ तुझे क्या यह जरूरी है??
माना हमारी आशिक़ी थोड़ी नवाबी है,
यहाँ जज्बातों की गैरकानूनी तस्करी नहीं बल्कि
खूबसूरत वादो की तैनाती है,
पर भूल जाऊ तुझे क्या यह जरूरी है??
माना तू प्यार कि एक थपकी है
जो आँखों में ना बसे
तू वो खूबसूरत प्यार की झपकी है,
पर भूल जाऊ तुझे क्या यह
कहना सच में जरूरी है??
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यादें वो ले जाएँ, हमे साथ चाहिए।
वादे वो ले जाएँ, हमे प्यार चाहिए।-
वादों और दावों के बीच
कुछ दबा सा रह गया।
शायद वो सच्चाई थी!
----©ज्योत्स्ना शर्मा-
एक अनसुलझी सी कहानी है।
अपनी आंखों से बेहता पानी है।
कुछ अधूरी यादें हैं।
कुछ अधूरे वादें हैं।
थोड़े शिकवें हैं।
थोड़े गिले हैं।
थोड़े तेरे हैं ।
थोड़े मेरे हैं।
पास आते हैं।
दूर जाते हैं।
साथ भले ना रहते हैं।
ज़िन्दगी से लड़ते रहते हैं।
फिर भी एक दूसरे को पूरा करते हैं।
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तुम में और
तुम्हारे वादों में
एक खास बात थी।
वादें तुमसे टूट गए।
तुमने मुझे तोड़ दिया।
----©ज्योत्स्ना शर्मा-
देख कितने अच्छे से मैं वादे निभा लेती हूँ,
खुद को चोट पहुँचा के भी मुस्कुरा लेती हूँ,,-
यूं तो उसके चेहरे पर नक़ाब था मगर...
बहुत हो गयी शायरी, कहानी और शराब की बातें
तुम्हारे सिवा अब सब लगती हैं फ़िज़ूल की बातें ।
Read my caption's-