"रास्तों पर"
कर ली है अब बात,सफर की हमने रास्तों पर
जाएंगे किसी के साथ चलते अब रास्तों पर
बैठेंगे छाया में पेड़ की, पीते जाएंगे ठंडा पानी रास्तों पर
होगी अजनबियों से मुलाकात , बाते कर उन्हे अपना बनाएंगे रास्तों पर
मुसाफिर हैं हम,ना होगा इतनी जल्दी सफर ये खत्म
अभी तो बहुत कुछ देखना है रस्तो पर ।
दिन भी गुजरेंगे, गुजरेगी राते
जिंदगी का आधा तजुर्बा मिलेगा रास्तों पर।।
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