हाथ मै मिट्टी की कुल्हड़
होंटों पर मथुरा की लस्सी
और पैर वृृँदावन की गँलियो मे
तो क्या कहना-
जब गर्मी से हों जाए हाल बेहाल,,,
छोड़ो कोल्ड्रिंग पीना आ जाओ कुछ देशी में,,,
ताज़ी ताज़ी लस्सी पिलो हो जाओ कूल कूल...।-
मैं जब भी उसकी तारीफ़ करता हूं😊,
वो कहती है मक्खन लगा रहे हो तुम😋!!-
तुम उजली काजु कतली सी , मै रस्गुल्ले सा काला हूँ
तुम Lunette की कप , मै नुक्कड़ वाला प्याला हूँ
तुम c की जटिल प्रोग्रामिंग हो ,मै छोटा सा diodeप्रिये
मुश्किल है अपना मेल प्रिये , ये प्यार नहीं है खेल प्रिये-
"मशाला लस्सी"
तपती-जलती दोपहरी में थोड़ी करार हैं मिल जाती"
ये कमाल तो करती हैं "मशाला लस्सी 👌
जब डालती हूँ "ग्लास में चाट मशाला और धनिया पती"
चटकारे लगाते हैं "बगल वाले भी जब जीरा
और काला नमक साथ में हैं मिलती।।
थोड़ी दही और कुछ टुकड़े बर्फ की "
मिला कर गटक जाओ बस एक साँस में ही।
स्वाद और सेहत से भरपूर हैं ये लस्सी होती।
जब चाहे बनाओ कुछ परेशानी नहीं हैं होती।।-
कसम से जब-जब तुम सज धज के सामने आती हो,
मई की जलती गर्मी में भी लस्सी सी ठंडक दे जाती हो।-
'लस्सी' पीने की ज़िद कर लिया
पापा के सामने कुछ ज्यादा ही आखें नम कर दिया
जब पापा की वटवे में सिर्फ 10 रुपए देखे
तो दिल कुछ और आंखे कुछ और कहे दिया
ये तब की बातें है जब में पढ़ाई में कम और
दुरे से ज्यादा लगाब रखता था
जब समझ आया कि पापा की इहेमियत कुछ और है
तब मांगना ही छोड़ दिया-
प्यार में न खाने का बहुत योगदान है बर्गर पिज्जा मंचूरियन में मोहब्बत का स्वाद हैं,
इक्श की कटोरी टिक्की का हों पानी पास्ता मैगी समोसा लस्सी प्रेम की सरताज हैं!
डीयर आर एस आज़ाद...-