प्रेम तत्व श्रम साध्य नही
तुम को यह बात बताना क्या
ब्रज की गलियों में फिरते क्यों
करतब अपना दिखलाना क्या
हे कान्हा तुम से रीझती हैं
मेरी हर सखी सहेली अब
तुझको मैं स्वयं मनाऊँगी
स्व हृदय प्रित उपजेगा जब
हे नटखट तब तक छेड़ो न
मुझको और मेरी सखियों को
चिकनी चुपड़ी बातें रोको
रोको इन चंचल अंखियों को-
गोविन्द.....
चलिए आज प्रेम के दो बोल, बोल के खरीद लूँ आपको.....
कीमत की सोचूंगी, तो पूरी दुनियां बेचनी पड़ जाएगी मुझे...!!-
मन मे कान्हा के कुछ भी बंद नही राधिका
एक तू पसन्द और कुछ भी पसन्द नही राधिका-
मेरी मांग का सिंदूर हो तुम
मेरी मांग का सिंदूर हो तुम।।
शायद तुम नहीं जानते,कि स्त्रियां
सुशोभित रहती हैं मांग में भरकर सिंदूर,
पा लेती हैं वो अलौकिक तेज
जिसके समीप सारे सृंगार पड़ जाते हैं फीके
मात्र इतना मूल्य न समझ लेना तुम।।
हाँ मैं, बाकी सभी स्त्रियां
जो चाहती हैं कई जन्मों को करना सार्थक
मरना चाहेंगी अटल सुहागन बनकर,
माथे पर बिंदी, लाल चूड़ी,लाल वस्त्र
लाल सृंगार से परिपूर्ण ,लाल सिंदूर भरकर।।
अधिक इससे सौभाग्यशाली
कुछ हो नहीं सकता,
ये सिंदूर है एक आत्मा का,
दूसरी आत्मा में लीन होने का सूत्र
कुछ शब्दों में सिंदूर का वर्णन नही किया जा सकता,सिंदूर अवर्णीय है।।
#राधिका_अलबेली
-
मुश्किल है जिंदगी
तुझमें कोई एक रंग भर पाना
रंग बिरंगे रंगों से तू भरती चली जाती है
अंतिम रंग श्वेत में सिमट जाती है !!-
"फूलों से सज रहे हैं श्री बाँके बिहारी।
कि प्रकट हो रही हैं श्री राधिका प्यारी।।"
"लगा दूँ मैं काजल का टीका, कहीं नजर न लग जाये।
जो हाथ रखें वृषभानलली, मेरा जीवन सँवर जाये।।"
-
अगर हम कुछ कहते हैं तो उसमें
अपनत्व भाव जुड़ा होता है,
रहें समर्पित रिश्तों के प्रति
ये स्वभाव बना होता है!!
माना कि उलझनों से पूर्ण मन
कभी कभी एकाग्र हो नहीं पाता,
अर्थ ये नहीं कि हम भावनाओं को
नहीं समझते हैं !!
समर्पण चाहता है हर रिश्ता,
हमारे सामंजस्य का,सहनशीलता का
रह न जाये चूक कोई हमसे,
बस इसी कोशिश में लगे रहते हैं!!
अगर हम कुछ कहते हैं ,
तो उसमें रिक्त पाते हैं स्वयं को,ताकि
सभी खुश हैं तो तुम खुश हैं
तुम खुश हो तो हम भी बहुत खुश हैं
इसी खुशी पे बलिहार रहते हैं!!
#राधिका_अलबेली
-
सुकूंन तलाशती रूह
तन त्याग देती है
लेकिन नहीं खोज पाती
रूह का सुकूंन!!
जिसको जिंदगी मिले
सौगात में मिले सुकूँ भी!!
#राधिका_अलबेली-
जब रोता है कोई मासूम तो ह्रदय कितना
व्यथित हो जाता है
उस मासूम की चीखें सुनने वाला पूरी धरती पे कोई न था।
उसके साथ हुई घटना सोचकर ह्रदय छलनी हो जाता है ।।
(पूरी लाइन पढ़ें ,जरा महसूस करें ।ताकि
आने वाला कल हमारी सन्तान के लिए सुरक्षा लेकर आये)
#राधिका_अलबेली-
होंगी तेरी कई गोपियाँ...
पर मैं वो राधिका नहीं ,
जिसका तू श्याम है ।-