निंदे आंखों से बिछड़ जाती है।
तेरी याद आके जब लिपट जाती है।-
चली आती है तेरी याद रातो में अक्सर। तुझे हो ना हो तेरी यादो को मोहब्बत है मुझसे।
-
यादों का पिटारा
मुझे याद तो नहीं, पर माँ कहती थी
बचपन में तू बहुत शरारती थी
एक बार बाबा ने तुझे बहुत डांट लगाई थी
वो स्कूल ना जाने की ज़िद
खिलौनों की ज़िद
बाबा के डाटने पर माँ के पीछे छुप जाना..
क्या याद है ये सब तुम्हे??
बारिश में भीगना फिर माँ की डांट
वो बुखार, वो सुई लगने से पहले का डर
क्या याद है ये सब तुम्हे??
स्कूल में पकड़म-पकड़ाइ का खेल
और वो छुप के टिफ़िन खाना
फिर टीचर की डांट
क्या याद है ये सब तुम्हे??
वो कंचे, वो गुल्ली डंडा
वो मोहल्ले की होली, दिवाली
क्या याद है तुम्हे??
अब ये सब यादें बनकर दिल के पिटारे में बंद हो गए हैं
हम भी आज की अपनी दुनिया में खो गए हैं
ये सब याद कर के लगता है अब वो दिन कहाँ चले गए हैँ!!
-
यादों का सवेरा बोलो,
या यादों का बसेरा बोलो,
या यादों का घेरा बोलो,
वो है माँ का दिल,
जहाँ बच्चे की बचपन से लेकर
बड़े होने तक की यादें बस्ती है
झिलमिल- झिलमिल।-
यादो की राह में, वो हर पल साथ रहे है..!!
टूटे है रिश्ते, पर हर पल याद रहे है..!!
खड़ी है फाशलो की दिवार, जो उनके - मेरे दरमियाँन..!!
हर रोज, हर पल, वो मेरे ख़्वाबों में भी साथ रहे है..!!
-
किसने कह दिया हम अब बर्बाद हे।
दिल का हर कोना तेरी यादों से आबाद है।-
मेरा दिल आजकल बड़ा बेशकीमती है मेरे यार।
हमने अपने दिल में ही बना दिया उनकी यादों का ताज।-
इश्क ने आजाद किया तो खुद को यादों में कैद कर लिया।
जिन्दगी बस रैन बसेरा थी और हमने रातों को गुजार लिया।-
तेरी यादो के सिवा कुछ बचा नहीं मेरे पास
हां, बचा तो तेरा दिया हुआ वो सिक्का
जिसका चित भी मेरा और पट भी मेरा
-
तिनकों सा जब बिखराएगी गम की पतझड़
तेरी यादों का दामन थाम लेंगे
तुझसे मिलने का दिलासा देकर
अपने दिल को हम बहला लेंगे-