बे'रंग सी इस दुनियां में बे'ढंग से हैं लोग यहाँ
एक पल तुम भी सोचो न क्या देगें तुम को लोग यहाँ
-©सचिन यादव-
जिंदगी सिर्फ तूँ ही जानती है
हम कब तक हैं यहाँ
पर दुःख तो मत दिया कर
हम जब तक हैं यहाँ-
जो इन आँखों से टपकते हैं आँसू यहाँ,
तुम भी भीग जाती होगी ना वहाँ?
जो इन लबों पे छाती है उदासी यहाँ,
तुम भी ख़ुश नहीं रह पाती होगी ना वहाँ?
जो आता है ज़ेहन में नाम तुम्हारा यहाँ,
तुम भी सिहर जाती होगी ना वहाँ?
जो याद आते हैं मुझे गुज़रे वो लम्हें यहाँ,
तुम भी गाने तो सुन नहीं पाती होगी ना वहाँ?
जो तुम्हारी याद में भूखा रहता हूँ मैं यहाँ,
तुम भी चैन से खा तो पाती नहीं होगी ना वहाँ?
जो हर कोई मुझे दीवाना कह जाता है यहाँ,
तुम को भी कोई तो दीवानी कहता होगा ना वहाँ?
जो चलते-चलते रुक जाता हूँ मैं यहाँ,
तुम भी ठहर जाती होगी ना वहाँ?
जो भरी महफ़िल में तन्हा होता हूँ मैं यहाँ,
तुम भी तो कभी अकेली होती होगी ना वहाँ?
जो वक़्त-बेवक़्त यूँ ही घबरा जाता हूँ मैं यहाँ,
तुम भी कभी तो थोड़ी बेचैन होती होगी ना वहाँ?
जो दिन भर तुम्हारी याद में गुज़रता है यहाँ,
तुम भी मुझे एक बार तो सोचती होगी ना वहाँ?
तो सुनो! अब भी जब यह 'थोड़ा ही' सही
पर अहसास ज़िन्दा है तुम में भी वहाँ,
तो तुम लौट क्यों नहीं आती
एक बार फ़िर... यहाँ!
- साकेत गर्ग 'सागा'-
किसी एक की आँख में, एक आँसू दे देना, मेरे जाने के बाद ऐ ख़ुदा
मेरे यहाँ होने का, मेरे यहाँ रहने का, इतना सा इनाम दे देना ऐ ख़ुदा
- साकेत गर्ग 'सागा'-
उसे कह दूँ इश्क़, मोहब्बत कहूँ या प्यार का नाम दे दूँ
जो तुमसे है वो यहाँ का नहीं, उसे कैसे कोई नाम दे दूँ
- साकेत गर्ग 'सागा'-
घायल तो यहाँ
हर एक परिंदा हैं मगर,
जो फिर से उड़ सका
वही जिंदा हैं...-
इस दरीचे से दुनिया कितनी खुबसूरत है!
यहाँ से हर शख़्स झूठा नहीं दिखता!!-
"ये मौकापरस्तों की दुनिया है,
आज यहाँ तो कल वहाँ हैं..."-
"आज तक नहीं समझ पाया
कि मेरा आखिर कौन है यहाँ
हाँ पर देख कर तुझे लगता है
राबता है कुछ तुमसे मेरा यहाँ"-