ए-खुदा उसने खुश राखिये ,
जिसने मेरी मौहब्बत कम लागी।-
मोहब्बत करना भी ज़रूरी है और जताना भी ।
वादे गर किये किसीसे, तो ज़रूरी है उन्हें निभाना भी ।
Learn, never to fake promises..!!-
चलो लम्हों को अब कैद कर लेते हैं,
आधी मैं, आधे तुम,
पर मौहब्बत पूरी कर लेते है!-
चन्द अल्फ़ाज़ दिल से
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मौहब्बत मिले हमको खैरात में
तो ऐसी मौहब्बत नहीं चाहिए
खैरात=भीख चिराग़ राही-
मैंने गिर गिर कर खुद ही
खुद को ही संभालना देखा है
लाख आँखों में आँसू हो
ऐसे में खुद का मुस्कुराना देखा है
लगे जख्मों को अपने से ही
बड़े अच्छे से छुपाना देखा है
अपनी दिल की बातों को
अपनी धड़कनो में दबाना देखा है
रोते हुए रातो में देरी से सोना
सुबह में खुद ही खुद को जगाना देखा है
जीते जी लोगो को इश्क में मैंने
खुद को ही कमरे में दफनाना देखा है
जिसमे जान बसती थी मेरी
मैंने उस का भी जाना देखा है
मौत पर अपनी गैरों की भीड़ में
उस जान का भी आना देखा है-
***शेर***
चाँद सी उजली सूरत को,आईने में सवांरा करते हैं
हुस्न की बिजली आशिक पर,नज़रों से गिराया करते हैं
हुस्न की इज्ज़त रखने को,हर बात गवारा है लेकिन
शब में जलती शम्मा को,अश्क़ों से बुझाया करते हैं
शब=रात्रि चिराग़ राही
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ढूँढने निकले थे हम गलियों में मौहब्बत का पता मौहब्बत का पता तो मिला नहीं ज़िन्दगी का पता भी भूल गए
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आज मौत का हाथ थमाएं,ये फिजाएं..
कभी बन मोहब्बत- ए -जिंदगी बरसती थी-
AAADAT JAHAAKI THI BASERA KARNE KI
ABB IZAAZAT NAHII WAHAA SE GUJARNE KI
JO BHI HO SHIKAAYAT ZAHEER KARO ABB
NAA JAANE, KAISE, FIRR SE MOHABBAT HO-
यह सोच कर एक बार फिर मौहब्बत करली मैंने
कि शायद इस बार हो जाये मुझे थोड़ी वफ़ा हासिल-