तुझसे जुड़ गई है
मेरी तकदीर
ये खयाल मुझे अब,
गम में भी रोने नहीं देता-
ए तकदीर ! मुझ फकीर से क्या दुश्मनी तेरी
पुराना जख्म सिल पाती हूं जब तलक
तू एक नया जख्म दे जाती है
Praviksha Dubey "Sagarika"-
अपने गम को ना कहती वो,
मेरे सुख दुःख सब सहती है..
उसका हर पल मेरा है अब,
मेरे दिल में जो वो रहती है...!!
😍मेरी मां😍-
वफा की उम्मीद किनसे करे
दिल खुद से ही खफा है
वो तकदीर से मिली थी
और तकदीर से जुदा है
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🌹मेरी तक़दीर बन गई🌹
दिल के कोरे कागज़ पर, यादों की तस्वीर बन गई,
चंद लफ़्ज़ों की उभरी तहरीर, मेरी तक़दीर बन गई।
बड़े ही अरमानों से हमनें, दिल उनसे लगाया था,
ख़ुद को साधक समझ, साधना मन में लाया था।
घड़ी शुभ घड़ी बनकर, मिलन की तदबीर बन गई,
चंद लफ़्ज़ों की उभरी तहरीर, मेरी तक़दीर बन गई।
सदियों से जो चलता आया, दुनिया ने रीति निभाई,
नज़र लगी प्रीति को ऐसी, हो गई अपनी रुसवाई।
मेरी साँसों की धड़कन ही, अब मेरी तक़सीर बन गई,
घाव किया दिल पे, मेरी तक़दीर ही शमशीर बन गई।
दिल के कोरे कागज़ पर, यादों की तस्वीर बन गई,
चंद लफ़्ज़ों की उभरी तहरीर, मेरी तक़दीर बन गई।-
भगवान की राह में ये क्या खेल है,
किसी की यादों का ये अजीब सिलसिला है।
माना वो मेरी तक़दीर में नहीं,
फिर भी क्यों ना जाने दिल से उसकी तस्वीर मिटती नहीं।
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