दिलबरा ये तुमने कहा दफ़ा करो
तो जाओ हमने भी छोड़ा मज़ा करो-
20 APR 2018 AT 16:09
जब हम तन्हा होते है, तो अक्सर मजे में होते हैं।
कभी नशा हममें तो कभी हम नशे में होते हैं ।।-
30 APR 2017 AT 19:10
क्या लगता है तुम्हें,
कठपुतली के खेल में मज़ा सिर्फ
कठपुतली नचाने वाले को
या खेल देखने वालों को ही नहीं आता है.....
मजे तो वो कठपुतली भी लेती हैं...
उसे भी उसकी जिंदगी में कुछ पल के लिए
जिंदा होने का मौका जो मिलता है....-
31 AUG 2020 AT 1:10
सज़ा ही सही मुझे कुछ तो मिला है
सज़ा में भी इश्क़ का एक अलग मज़ा है।-
13 JUL 2020 AT 23:15
छुप छुपा कर इश्क़ करने का मज़ा ही अलग है
जब खाली हो घर तब भी वो मज़ा नहीं है।-
14 JUN 2020 AT 17:10
भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में
क़िस्तों में खुद-कुशी का मज़ा हम
से पूछिए।-
17 SEP 2020 AT 17:20
अब मज़ा इसमें नहीं कि
तू मेरे सामने हो।
मज़ा इसमें है कि
तू मेरे सामने हो,
मगर मुझे नज़र न आए।-