Ego एक बीमारी
मुझे अफसोस है कि लड़के तो लड़के आजकल लड़कियां भी ये बुरी बीमारी पाल रही हैं।-
मोहब्बत की माँ ज़रूर पागल रही होगी
वरना दर्द का नाम इतना प्यार भरा कौन रखता है-
पास तो हैं पर अब खास नहीं,
तेरे होने पर भी वो अब प्यास नहीं,
कब दिन चढ़ा,कब रात ढली,
मेरे ज़हन को कुछ आभास नहीं।-
आज कल की जिंदगी, क्या फिर कभी लौट के आएगी।
कभी सोचना अकेले में,की जिंदगी क्या यू ही बीत जाएगी।
हालात से लड़ते लड़ते,सभी को कमरे में बंद कर जाएगी।
ये जिंदगी मौत से मत डरा, एक दिन खुद तेरे पास चली आएगी।
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बचपन में बुखार-ए-इश्क़ का अगर टीका लगा रहता
तो तुम भी न होती बीमार और मैं भी बचा रहता-
उसकी यादें आखिर जा मिटी
जब बदन-ए-शोहरत मिट्टी में जा मिटी
मेरे इरादे खा लिए मेरे अंदर की दीमक ने
अच्छा हुआ आज इश्क़ बीमारी जा मिटी-
लड़का -"तुम्हें नींद में चलने की बीमारी कब से है ?"
लड़की (आश्चर्य से) - "मैं नहीं चलती कभी नींद में।"
लड़का (मुस्कुराते हुए)- "फिर हर रात कैसे आ जाती हो मेरे सपनों में ?"
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अब तो हमारी गलियों से
गुजरती नहीं यादें तुम्हारी
लगता है इस शहर को
हुई इश्क़ से भी बड़ी बीमारी-
"मेरा तजुर्बा"
धन दौलत ,शोहरत,गाड़ी,बंगला,इज्जत,
नफरत,मुहब्बत,बड़े-बड़े रिश्ते नाते ये सब
चीजें बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती
दुनिया में सबसे खुशनसीब इंसान वही है
जो पूरी उम्र स्वस्थ और तंदरुस्त रहे
खुदा सबको सही सलामत रखे
दुआओं में याद रखना-
एक वक्त था, जब दर्द की हुई थी शुरूआत
एक वक्त है कि बीमारी यह जाती ही नहीं।-