धड़कन है कहाँ, ढूंढ़ो दिल किधर गया
तड़पते बिलखते एक रिश्ता मर गया
रात तू मुझसे सवाल मत किया कर
मैं क्या बताऊँ मेरा चाँद किधर गया
जलना तय था, मेरी आग से दोस्ती थी
अच्छा ये हुआ उसका नक़ाब उतर गया
ऊँगली,गला,दिल सब खाली हुआ, पर
तसल्ली है सब सलीक़े से बिखर गया
बोझ लगे इश्क़ तो राहें अलग ही बेहतर
क्या हुआ जो गये रात एक इंसाँ मर गया
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प्रेम में कितनी बाधा देखी
फिर भी कृष्ण संग हरदम राधा द... read more
एक तकिया और पानी बोतल
के साथ मुझे पड़े रहने दो अंधेरे में,
उड़ते रहने दो
सफ़ेद कागजों को मुझ पर,
इन भीगी आँखों को
ऊपर उस घूमते पंखे को
टक टक करके देखने दो,
और
एक कमी महसूस करने दो
मेरे हाथों को,
दर्द ओढ़े मेरे इस मन को
सोचने दो,
सोचने दो इसे
के क्यों
हाथ से फिसले उस कलम को
ये उठाने से डरता है,
हाँ,बस सोचने दो इसे..
बोलो इसे,
मोहब्बत के अलावा और भी वजह होते हैं
कलम चलाने के,
समझाओ इसे
के अब आँखों को,तकिया को
सूख जाने दे
और
उस बोतल से
पानी का एक घुट पी ले..-
कहाँ घुल पायेगी वो बेपरवाह,तेरे जिस्म के बिछौने पर
झूमके पायल न छूट जाये,उसे ये फ़िक्र सताती रहेगी!-
कान के पीछे बस लब ही तो रखा था हमने
कोरे बदन पे उसने रंग लाल-नीला भर दिया-
क्या ज़ख्म होते होंगे उसके जिसे एक सच नसीब न हो
प्यार न पाने वालों ने किस्मत को यूँही बदनाम किया है!-
नहीं झलकने देती मैं उदासी की लकीरें अपने चेहरे पे
पर ये झूठी मुस्कान चुगली कर देती है माँ से हाल मेरा-
मेरा आना,उसका आना और एक अनजान डोर का मोहब्बत बन जाना
फिर अना का आना,हमारा अना और मोहब्बत में बस अना का रह जाना
ये हमारे आने से अना के आने तक का सफ़र मासूम कितना था!-