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12 JUN 2019 AT 22:13
तुम्हें पाने की ज़िद में,
हमने सबको छोड़ दिया,
अब बताओ हमारा हमदर्द कौंन बनेगा।।-
22 MAY AT 11:46
इस कोरे पन्ने की तरह
सब कोरा है यहाँ
बिन तेरे शब्दों के
सब अधूरा है यहाँ........-
13 JUN 2021 AT 12:00
अपने फैसले पर बिल्कुल अड़ा था मैं
फिर यूं हुआ की पैर पीछे हटानी पड़ गई
कुछ ऐसे लोग आए थे खरीदने मुझको
खुद-ब-खुद मुझे अपनी कीमत घटानी पड़ गई-
20 JUN 2020 AT 19:11
बिल्कुल नाम सा हैं उसकी लिखनी ।☺️
हर लेखन में भी दिखती उतनी ही श्रद्धा ।
जितना अच्छा अभिव्यक्ति उनका 🙂
उतना ही प्यारा लेखन का अनुमान हैं ।💐
दिल की नेक, अनेक गुण संग शांत स्वभाव लिए
दोस्तों में प्यारी श्रद्धा जिसने yq में पाया🙏
बहुत सा सम्मान हैं।✍️✍️✍️-
15 AUG 2017 AT 0:50
अगर मेरे DP बदलने से लोग देशभक्त समझेगें तो मैं बिल्कुल ऐसा नहीं करूँगा ...
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7 FEB 2019 AT 20:55
"लाल गुलाब सी हो रही हो तुम
वो भी बिल्कुल बिन काँटों वाली..."-