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रौशन हो गया सारा जहां
इस दीपावली में
पर हिस्से हमारे आया नहीं
उजाला फिर भी
इतनी आवाजें लगाई कि गला भी सूख गया
पर पहुंची ना आवाज़ फिर भी दिल तक उनके
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यह सब कहने की बात है
कमी तो हर पल खलती है और खलती रहेगी
शब्दों की उनके........
सब कुछ होकर भी खाली खाली सा रहता है सब
अगर पढ़ने को ना मिले शब्द उनके
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अधूरी है दीपावली
उनके शब्दों रूपी दीपक के बिना
कोई कहे उनसे लिख दे दो शब्द अपने आकर यहाँ
क्या पता हमारे साथ साथ किसी ओर को भी जरूरत हो शब्दों की उनके.......!
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जब हो दर्द बेइंतहा
चाहे हो वो शरीरक या हो मानसिक
तब खूब हंसिए, ना हंसी आते हुए भी हंसिए
फिर देखना यह दर्द टिक ही नहीं पाएंगे
पास आपके ज्यादा देर तक.......
और अगर गलती से यह रह भी गए पास आपके
तो वो भी साथ बैठ खूब हंसेंगें साथ आपके
🤦♀️🤦♀️😊😁😁-
यहाँ तो दिन भी बेचैन है
दिन क्या यहाँ तो जिंदगी बेचैन है
उनके चैन के बिना चैन को भी चैन कहाँ
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आसमान क्या यहाँ तो पूरी
कायनात समाई है शब्दों में उनकी
चेहरा देखना भी किसे है
वो तो खुद ही पूरे के पूरे
दिखते है अपने शब्दों में।-
किसी की मुस्कुराहट ऐसी कि सब दर्द भूला दे
और जब वो मुस्कुराए ही ना तो
दर्द को भी दर्द हो जाए.....! 😔😢🥺
फिर कहते हैं पूछने पर कि सब ठीक है....
😏😏
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