ये सूनी शामें
और शांत दोपहरें
तुम्हारे बेग़ैर
सुनो, खलती बहोत है !-
आंखो से देखा तो बहोत लोग मिले देखने को
दिल से देखा तो भरी महफिल में खुदको अकेला पाया।-
जनाब़ ए मोहतरमा,
आजकल बहोत,
जलाने लगे हैं,
वो मेरे और करीब,
आ रहे हैं,
या
दूर जाने लगे हैं।-
कहानियाँ तो बहोत है उसके पास सुनाने को आलम,
किसी अपने को ढूंढा करता है...-
चल चले कही यारा, की बहोत दिन हो गये हैं..
वही पुरानी गाड़ी लिए..
यादों की वही सवारी लिए..
चल चले..वापिस उन्ही पलो को जिए...😌
निक्कड. वाली यारी से,
नुक्कड़ वाली ☕ उधारी तक..
बे-मतलब की गाली से,
बेशुमारी वाली यारी तक...
लम्हो को चल फिर वैसे ही जिए..
की बहोत दिन हो गए है..🙂
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#collab #yourquotedidi #बहोत दिन हो गए-
बहोत है मेरी,
खैरियत पूछनेवाले ।
पर तकलीफ किसी को,
मेरे हाल से नहीं ।।-
लिखने बैठे अगर, फ़साने बहोत हैं..
चार दिन की जिंदगी के अफ़साने बहोत हैं...-
बात दिल की सुनो तुमसे नाराज बहुत है
बाहर से चुप लगता है अंदर आवाज बहुत है
मेरे मन की पीडा तुमको जाकर कौन बताये,
तुमको हँसी खुदा ने सौंपी
मेरी आँखों में आंसू बहुत है।-