शायद अब वो बदल गयी है,
या शायद उनके लिए मेरी एहमियत...-
24 JUL 2020 AT 16:07
"ख़्वाइशों का इक..ताला है
जिसमें "ज़िन्दगी" बंद हो गई है
हम ही कहीं रखके भूल गये हैं
पता नहीं.. चाबी कहाँ खो गयी है"-
25 AUG 2019 AT 21:00
उड़ते पंछी मन के, सब पिंजरे में बंद कर डाले हैं,
अब महफ़ूज़ रहते हैं ख़्याल मेरे, काग़ज़ों के ताले में...!
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9 JUL 2020 AT 9:21
पूरी हुई आरजु सभी की एक मुद्दतों की फुरसत की इस शर्त पे,
मिलना तो सभी को था पर....आजकल किसी से नही मिलना!-
29 SEP 2020 AT 21:43
ख़ुदा ना बंद करे, दरवाज़े किसी के लिए
ये आदमी का रिवाज, हाथ आदमी के है-
25 SEP 2019 AT 18:53
अब दिल के दरवाजे बंद रखता हूँ
इसमें जगह पाने वालों ने दर्द बहुत दिए हैं-
27 DEC 2018 AT 8:15
आज भी मैं अकेले रहना पसंद करता हूँ
इसीलिये बीच बीच में आँखें बंद करता हूँ-
29 JAN 2022 AT 11:17
उस के सामने ज़ुबान बंद पड़ जाती हैं
जो बाते फ़ोन पर होती है
वो बाते रूबरू कम पड़ जाती हैं-
27 JUN 2020 AT 1:47
' जब समझ में ना आए जिंदगी
में करना क्या है ...
आँख बंद कीजिए और सो
जाइये-