हूं वही जो पहली दफा,जो तुमसे मुक्तसर हुऐ
काश तुम समझ लेते हमें, नये की नुमाइश नहीं!
तन्हाइयों में ही हैं सुकुन, ना कोई उम्मीद हो
अब रहने दो, मुलाक़ातो की और फरमाइश नहीं !
पुराने चीज़ों की फ़िक्र उन्हे हैं, जिन्हें कद्र पता हो
सहेजें रहूं उन्हें बेहतर,किसी और की आजमाइश नहीं!
पता हैं हमे, फकत तुम मेरे हर इक दर्द से वाकिफ हो
पर देखो तो इस दवा की कोई.... गुंजाइश नहीं!
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वो हमनशीं हमारी हर एक फ़रमाइश को पूरा करना चाहती हैं 'अभि'।
उस मासूम को क्या पता कि उससे क़ीमती कुछ हमें मिला नही कभी।-
हम लड़कियां फैशन (शौक) में छोटे कपड़े पहनते हैं ,
आपके लिए अपने बदन की नुमाइश नहीं करते ...
यह आपका नजरिया ही गलत है साहब !
हम आपसे रेप करने की कभी फरमाइश नहीं करते...-
दिल❤️ को तेरी ख्वाहिश पहली बार हुई
इस बंजर दिल में बारिश 🌧️पहली बार हुई
मांगने वाले हीरे मोती मांगते हैं
अश्कों की फरमाइश पहली बार हुई❤️-
न थी कोई ख़्वाहिश , न ही कोई फरमाइश।
थी तो सिर्फ उस झूठे प्यार की नुमाइश।-
कुछ खामोश सी बैठी है आज कलम ,
आज स्पष्ट लिखने में गुंजाइश मिली है
इस अंतरद्वंद की वजह ये है हूज़ूर, कि
आज 'इश्क़' लिखने की फरमाइश मिली है !-
कल किसने देखा है जो करना है आज कर लो।
मेरी बात मानो तो पूरे अपने सारे शौक़ कर लो।
कभी पैसा नहीं, कभी मूड नहीं, कभी साथी नहीं।
ये तो आजीवन चलता ही रहेगा, सुनो तुम कर लो।
ग़रीब खाने के लिए परेशान अमीर खाने के बाद।
मेरी बात मानो तो एक बार तुम मनमानी कर लो।
बचपन में पढ़ाई, जवानी में नौकरी, अब समाज।
सारा जीवन कोई न कोई वजह, बेवजह कर लो।
अच्छा लगता हैं तुमको "जो कुछ भी" मेरे दोस्त।
कि एक बार बस "अपनी ख़ुशी के लिए" कर लो।
ये जीवन एक क्षणभंगुर सा तमाशा है मेरे साथी।
ज़िंदगी के नाटक का पर्दा गिरने से पहले कर लो।
पहले पैसे का इंतज़ार और अब मूड का "अभि"।
मेरी सुनो और चुपचाप तुम अपने मन की कर लो।-
ऐ सनम लब रोज तेरे लबों की फरमाइश किया करते हैं,
कि रात की इस ठंडी खामोशी में भी हम सुलगा बहुत करते हैं।-