QUOTES ON #प्रौद्योगिकी

#प्रौद्योगिकी quotes

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11 MAY 2019 AT 5:26

"हमने 'पोखरण २' किसी
आत्मश्लाघा के लिए नहीं किया था।
किसी पुरुषार्थ के प्रकटीकरण
के लिए नहीं किया था।
वह देश के आत्मरक्षा हेतु था।"

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11 MAY 2020 AT 20:54

"हमने 'पोखरण २' किसी
आत्मश्लाघा के लिए नहीं किया था।
किसी पुरुषार्थ के प्रकटीकरण
के लिए नहीं किया था।
वह देश के आत्मरक्षा हेतु था।"

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✍️भोजन, रहन सहन, प्रौद्योगिकी✍️
(Peregrine Falcon, 390 km/hour)


प्रौद्योगिकी के इस युग में भी मेरे खान पान व
चाल ढ़ाल में कोई परिवर्तन नज़र नहीं आया है।


अब भी मैंने कोई सैंडविच, पिज्ज़ा, मैगी, तला
माँस नहीं; हरदम मुर्दों की हड्डियाँ ही चबाया है।




मनुष्यों को गुरूर तो होगा हवाई जहाज बनाने का!

कि हमारी औकात भी कम नहीं, खुद पर निर्भर हैं तो
इंतजार है इन वादियों में हमें पल, खुशियाँ मनाने का।

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✍️🍎आधुनिक, प्राचीन, भारतीय एवं नाज़🍊🍇



हो गए थे जो पुराने वो तरीक़े इस समय "वाज़िब" नहीं हैं।
आधुनिक युग में प्राचीन का प्रचलन सब, अब भी यहीं हैं।

कुछ तरीकों को आधुनिक तरीक़े न मात दे सके उन्हें रखें।
आधुनिक में जो उत्तम हैं बस उन्हें ही महफूज़ यूँ चुनें रखें।

मानव मस्तिष्क का जवाब नहीं, वह क्या कुछ नहीं बनाया है।
चल काँटों पे शुरू शुरू कर हिम्मत खुशियाँ अंबार लगाया है।

सुविधाओं की चीजें बनाई है और संघर्ष मुसलसल भी ज़ारी है।
भारतीय नाज़ करें खुद पर जो उनका अस्तित्व, इतना भारी है।

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🐾🎀"मशीन एवं उपयोग?"🎀🐾

🎀👣🐾
प्रौद्योगिकी की उपस्थिति पर;
न जाने क्यों मशीनों से दूर;
कहीं वह दूर जा रहा था।
🐾🍇🎀
पसंद तो थे ये मशीन उसे,
पर आदत से था मजबूर
तो बड़ी दूर जा रहा था।
🍇🎀🐾
"मगरूर" तो कतई न था;
पर कारण था कोई जरूर
तभी वह दूर जा रहा था।
🎀🐾🍇
निकटस्थ तो परिचित बहुत थे
तभी दूरस्थ जगह से भी दूर
कहीं वह दूर जा रहा था।
👣🎀🍇
नावाकिफ था उपयोग से तो
न चाह के भी मजबूर हो
तभी वो दूर जा रहा था।

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11 MAY 2019 AT 12:53

पोखरण परीक्षण जब हुआ सफल
दुनिया में मच गयी थी उथल पुथल

प्रौधोगिकी के क्षेत्र में
लिख दिया था
भारत ने जब नया इतिहास
दुनिया को ना ,आया था रास


प्रतिबंध भी हमें बांध न पाये
भारत ने उदघोष किया था
अटल कलाम की जोड़ी ने जब
नापाक इरादों को ज़मीदोज़ किया था।











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💯🌷✍️"कृषक, खेती और फसलों को लेकर काफी सक्रिय रहते हैं"✍️🌷
💯🎀🐾
🍒✨🥉 🎊🎀🌻🍇💯🎉🌷🐾🥉🍒🍇🎀🌻🌷🎉🍇🍁🍎
खेतों में खेती का काम करके खेतिहर किसान चैन से खेतों में ही सो गए थे।
जल्दबाजी थी उन्हें बुवाई के अंतिम दिनों में, वो फसलों के बीज बो गए थे।
🎀💯🐾
🎉🌷🐾🍇🎀🌻🥉🎊💯🎉🌷🎊🐾✨🍎🥉🍒🍇🎀🌻💯
जून जुलाई के बरसात में उन दिनों, बरसात की उस दिन भी संभावना थी।
प्रभाव थी उस परिपक्व जमीं की, जो सब लोगों के दिलों में सदभावना थी।
🐾🎀💯
🥉🌷🐾🍇🍒🎉🌷🎊🐾🍇🎀🌻💯✨🍎🎀🌻🥉🎊💯🎉
किसानों का यूँ कृषि को लेकर इतनी फिक्र और सक्रियता, देखते बनती थी।
जो लाखों करोड़ों की आबादी में भी बेहतरीन इनकी ऊँचाइयों पे गिनती थी।
🍇🌷🐾💯✨💯🐾🌷🍇
हर साल, मानसून के शुरुआत के बाद ही ये, और अधिक चंचल हो जाते थे।
तब जवानों की ही बात नहीं, सभी सक्षम उम्र के लोग खेतों में हाथ बंटाते थे।
🍇🌷🐾💯✨💯🐾🌷🍇
पर अब के समय में, खेती के पुराने दिनों में फिर से वापसी न यूँ आसान होगा।
प्रौद्योगिकी के युग में विकास चरम पे हैं तो किसान आखिर क्यों परेशान होगा!

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7 JAN 2021 AT 12:23

और ये बदलती प्रौद्योगिकी
आने वाले कल में बहुत
कुछ बदलाव ला रही है।

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11 FEB 2021 AT 10:42

आधुनिक विज्ञान एवम् प्रौद्योगिकी में महिलाओं,
लड़कियों का योगदान महत्वपूर्ण, अविस्मरणीय है। 

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स्वयं सिध्द होना हमारी परिपूर्णता को दर्शाता है,
जिंदगी मे नये नये पल महसूस करके ही हम अपने
आपको अच्छे बना सकते है।

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