खून और अखबार दो ऐसी चीजें है जो हाथों पर दाग लगाने के बाद दिमाग पर भी दाग लगाती हैं
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स्वतंत्र पत्रकारिता, लोकतंत्र को सशक्त और जीवंत रखने का कार्य करती है।
Independent journalism serves to keep democracy strong and vibrant.-
लोकतंत्र में प्रेस की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है । इसकी भूमिका उसी तरह है जैसे एक मचिस की तीली की मचिस के डिब्बी में । एक मचिस की तीली स्वछंद हो कर लोगों की ज़रूरत के हिसाब से आग लगा सकती है और घरों को रोशन कर सकती है ।लेकिन वही मचिस की तीली अगर ग़लत आग पकड़ ले तो पूरे घर में आग लगा सकती है । उसी तरह प्रेस अगर समाज की , लोगों की ज़रूरत के हिसाब से आग लगाए तो एक इंक़लाब खड़ा कर सकती है और लोकतंत्र को और मज़बूत कर सकती है । पर वहीं अगर प्रेस अपनी आज़ादी का दुरुपयोग कर ग़लत धारणाएँ पैदा कर दे तो पूरे लोकतंत्र को जला के राख कर सकती है ।प्रेस की लोकतंत्र में जितनी आज़ादी ज़रूरी है उतना ही उसका ज़िम्मेवार होना भी ज़रूरी है । ताक़त के साथ साथ ज़िम्मेवारी भी आती है । ये बात प्रेस ही नहीं हर उस संस्थान के लिए लागू होती है जो लोकतंत्र को मज़बूत बनाने में सहयोग करते हैं ।
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पैसों का पगवंदन करता नेता को इंप्रेस।
मन की बातों से बहलाता कलिकाल का प्रेस।।-
प्रेस की स्वतंत्रता तथा निर्भिक पत्रकारिता ही,
अभिव्यक्ति की आजादी का मुख्य पैमाना है।-
स्वतंत्रत पत्रकारिता, स्वस्थ, समृद्ध एवं सशक्त,
लोकतंत्र व्यवस्था का आधार निर्माण करता है।-
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर सभी
कलमकार साथियों को हार्दिक बधाई..-
ख़बर ज़ख़्मी इधर थी काग़ज़ों पर
उधर छपते रहे अख़बार झूठे
- आलोक यादव-
एक काला दिन भारतीय इतिहास में भी दर्ज है,
प्रेस की स्वतंत्रता पत्रकारिता पर रोक लगाने का।-