इस बात का अफसोस है
मगर खुशी इस बात की है
देर से ही सही
तुम खुशियो की वो सौगात लाए
जो अधूरी हो कर भी पूरी है-
जरूरतें तो हर कोई किसी तरह पूरी कर देता हैं,
मैं तो मेरे अपनों की ख्वाहिशें पूरी करना चाहता हूं।-
सफ़र_ए_जिंदगी में
ख़्वाहिशे होती तो बहुत हैं,
पर पूरी हो जाए हर ख़्वाहिश
ये मुमकिन नहीं है।
ख़्वाहिशों के समुंद्र में
गोते हर कोई लगाता है,
पर उन्हें पूरा करने का जज्बा
कोई ही दिखाता है।
उस वक्त ओ बंदे सब्र रखना
कहीं कदम तेरे डगमगा न जाए,
जब तेरी सबसे बड़ी ख़्वाहिश
अधूरी रह जाए।
पूरी हो जाती है
जब ख्वाहिशें-ए-जिंदगी
तो खूबसूरत लगता है
सफर-ए-जिंदगी..!!-
मैंने जब जब सर झुकाया अपना तेरे दर पे,
तब तब खुद को और भी मज़बूत ही पाया,
मेरी माँ.....-
इन गालों को भी लगती है प्यास कभी-कभी
आँखें पूरी करती हैं इनकी आस कभी-कभी-
मैं छोड़ देता हूँ
हर कविता अधूरी
यही सोचकर
कि तुम आओगी एक दिन
करने इन्हें पूरी।-
तुम चैन हो मेरी, ख्वाब हो मेरी,
तुम जुनून , मंजिल, इमाण हो मेरी,
तुम फूलों की खुशबू में,
सरगम की रागो में,
समुन्दर की लहरों में,
पेड़ की छांव में,
फूलों की राह में,
जिधर देखूं उधर तुम हो।।
कृषण की बांसुरी में तुम हो।।
अजंता की मूरत हो तुम,
मीरा की सूरत हो तुम,,
तुम्ही हो मेरी अभिलाषा।।
बहोत हैं उमिद्दें थोड़ी सी है आशा।।-
रह गयी जो बातें अधूरी
आओ कर लें आज उन्हें पूरी
आ ही गये हो जो करीब मेरे
तो फिर क्यों है थोड़ी सी दूरी?-
ज़िंदगी पूरी होने पर मैं चला जाऊँगा
और बातें पूरी होने पर वो।-
इक अकेले की कहानी अधूरी तो नहीं
किसी का साथ होना जरूरी तो नहीं
तुम्हारी कहानी में होते किरदार कई
किसी एक की भी कहानी पूरी तो नहीं
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