तुमने देखा नहीं
मैंने जो महसूस किया,
मैंने कहा नहीं
जो मैंने देख लिया,
अजीब सी कशमकश
में उलझा है मेरा मन,
ना तुम कभी कुछ कह पाओगे,
ना मैं अब चुप रह पाऊंगी-
🔷 A 🆕concern ✒️📖✍️🌍
👣◽️अपना #कर्त्तव्य (Duty) सबके लिए एक जैसा ही मायने रखता है...
▪️चाहे वो #व्यक्तित्व अच्छा हो या बुरा 🤥! क्योंकि #अच्छा या #बुरा होना एक ही सिक्के के दो #पहलू हैं👍👎, फर्क बस इससे पड़ता है कि आप किस #Reference(जड़त्व) से देख रहे हैं👀।▪️
... कभी कभी हम इंसान( #human)अपने #निजी_स्वार्थ को कर्त्तव्य का #हवाला(proof) देकर ये दिखाना चाहते हैं कि हम कितने निष्ठावान हैं, Huh !😏।।
मेरा मानना है, सबसे बड़ा कर्तव्य #मानवता(huminity) के प्रति कर्तव्य है। 👉इसलिए हर-एक #पत्रकार(journalist), #आलोचक(critic), #विपक्ष(opposition) को अपने #अस्तित्व(existence) के बारे में न सोचते हुए बल्कि, सबके अच्छे परिस्थिति के आगमन के लिए हर वो छोटी से छोटी प्रयास की #ललक(Zeal) होनी चाहिए 🗿।। 🙏-
सर्व कल्याणमयी दृष्टि जिनकी होती है उनकी हर तरफ विजय होती है, यही अर्थ है दशहरे का।
दस सर वाला रावण भी पराजित हुआ श्रीरामजी से युद्घ में 👉 कारण था निज स्वार्थ, अहंकार।-
अगर मैं अपनों में किसी के निजी स्वार्थ में अपना योगदान
नहीं देना चाहता ये मेरा निर्णय होगा.
अगर मैं स्वार्थ की वजह से उनकी नज़र में बुरा कहलाता हूँ
तो बेहतर यही होगा कि उनकी नज़र में बुरा बन जाऊं,
पर औरों की नज़रों में बहुत बुरा होने से बच भी सकता हूँ.-
रिश्ते कभी बुरे नहीं होते,
बुरे होते हैं हालात
और हालातों के शिकार वे लोग,
जो रिश्तों में होते है।
©Laxmi
पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़िए
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