ये कैसी हवा चल रही है,
जो लड़कियों को आज़ादी
के नाम पर छल रही है।
गुलामी से सने कुछ पैमाने,
आज़ादी के नाम पर
थोपे जा रहे हैं।
रंगे रंगाये पंख उन्हें
उड़ने को दिए जा रहे है।
कोई उन्हें नहीं बताता
कि उड़ने के लिए
अपने पंखों की जरूरत होती है।
उन्हे गुड़िया सा सजाकर
कठपुतली बनाया जा रहा है।
फैशन और आधुनिकता के नाम
पर सिर्फ देह की चमक को
खूबसूरती बताया जा रहा है।
उन्हें ये नहीं बताते कि
कितने अद्भुत गुणों का खजाना
कुदरत ने उन्हें उपहार दिया है।
उन्हें किसी की सिद्धता की
जरूरत ही नहीं है।
पर ये भोली लड़कियाँ
किसी के खूबसूरत कहने
को क्यों तरस रही हैं।
उन्हें कोई तो समझाये
वो चेतना से भरी हुई है,
कोई निर्जीव चीज़ नही है।
भला बुरा समझो और जानो,
अपने वजूद को खुद पहचानो।
अंधी दौड़ में मत दौड़ो तुम,
सोच समझ के कदम बढ़ाना।
गलत लगे जो राह तुम्हें गर,
अपनों को जरूर बताना।
©laxmi
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आज को लिखती हूँ,,,जैसा महसूस करती हूँ,
कल क... read more
शिकायतें खत्म,
इनायतें शुरू।
जीवन देने वाले,
बड़ी अच्छी है
तेरी रणनीति।
©laxmi-
स्वयं के प्रति ईमानदार और सच्चे रहना,
पर इसकी कीमत पर दूसरों की
भावनावों को आहत मत करना।
दोतरफा कार्य है-
जियो और जीने दो
पर अमल करना।
इसे सिर्फ शब्दों तक
ही सीमित मत रखना।
©laxmi-
मुझे बहुत सबक देती है
तू कई बार जिंदगी।
पर तेरे सबक,
मेरी फितरत से मेल नहीं खाते हैं।
क्यों मुझे हर बार लोग
मेरी तरह ही नजर आते हैं।
©laxmi-
कभी -कभी रास्ता बताने वालों
को मंजिल पर पहुंच कर लोग
गुमराह घोषित कर देते है।
©laxmi-
ऐ जिंदगी!
तू सोचती है,
मैं टूट कर बिखर
जाऊंगी।
मैं वो सोना हूँ,
जो तप कर
और भी निखर जाऊंगी।
©laxmi
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ऐ जिंदगी!
तू तोड़ने की कोशिशें
कर ले हजार।
मेरे हौंसलों के आगे
तेरी सारी कोशिशें बेकार।
©laxmi
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ऐ जिंदगी!
माना कि तेरे आँचल में
आँसू बेहिसाब हैं।
फिर भी खुश रहने की
मेरी फितरत लाजवाब है।
©laxmi-
ऐ जिंदगी !
तेरे अंधेरों से
अब नहीं घबराती।
मेरी रोशनी का
तुझे अंदाजा नही।
©laxmi-