"नशा है बुरा"
नही है जीवन के लिए ये नशा अच्छा
बुराइयों का ये घर बड़ा नशा है बुरा ।।
तुम मजा समझ कर नशा उड़ाते हो
नशा तुम्हारों की जीवन खुशी उड़ाता है।।
देखा देखी में नशा जहर तुम न कीजिए
जीवन तुम्हारा है किसी और का नही।।
नशे में यूं गिरा पड़ा तुम न रहिएगा
जीवन है तो मान से जी लिजियेगा ।।
नशे के जहर में डूबती जिन्दगी न हो
कहीं खुशियाँ परिवार की न डूब जाएँ ।।
नशा नाश कर देता है सब कुछ जीवन का
फिर ऐसे जीवन का क्या कीजिएगा ।।-
कुछ शौक ऐसे भी हैं ज़माने में ,जो बहुत जल्द शोक में तब्दील हो जाते हैं |
कई बार यही शौक इंसान को गुनहगार बना देते हैं |-
इंसानी सभ्यता को नशा मुक्त बनाने के लिए जन - जन का अब हाथ चाहिए,
आम चुनाव के जैसे परिश्रम से आधा ही, इसमें अब जनता का साथ चाहिए।
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जानते है सब कि,नशे की राह चलना अर्थात शनैःशनैः सब कुछ स्वाहा करना,
पर आधुनिकता की अंधी दौड़ में फँस युवा फिर भी चाहे इसका निर्वाह करना।
झूठी प्रतिष्ठा के लिए नशे की अंधी गली में बेसुधी में सुध जगाने वाला चाहिए
इंसानी सभ्यता को नशा मुक्त बनाने के लिए जन - जन का अब हाथ चाहिए।
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नशे की मदहोशी में डूबते कुछ पलों का आनंद इनको अपनी और खींचता है,
गरीब हो या हों अमीर आजकल इस लत को कर्ज़ लेकर भी इसको सींचता है।
अपने स्वास्थ्य से खेलने वालों को अब आत्मचिंतन में अपनो का साथ चाहिए,
इंसानी सभ्यता को नशा मुक्त बनाने के लिए जन - जन का अब हाथ चाहिए।
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उजड़ती ज़िंदगी,कमज़ोर होता शरीर फिर भी इसका फ़ितूर और सर चढ़ता,
पर मानवता हर उस क्षण हारी जब हताश हो कोई बच्चा नशे की और बढ़ता,
प्यार व ध्यान की लौ जलाके नशा मुक्त समाज बनाने में आपका साथ चाहिए
इंसानी सभ्यता को नशा मुक्त बनाने के लिए जन - जन का अब हाथ चाहिए।
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इंसानी सभ्यता को नशा मुक्त बनाने के लिए जन - जन का अब हाथ चाहिए,
आम चुनाव के जैसे परिश्रम से आधा ही, इसमें अब जनता का साथ चाहिए।-
जो है करत नशे का सेवन,
खोवत चैन कर दुष्कर जीवन।
राह ये फिसलन वाली देख,
फँसे तो रुक पाए नहीं क्लेश॥
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नशे में क्या व्यवहार था तेरा, दिल रहा नहीं कचोट?
जानकर अंजान मत बनो, मुझे लगी है कैसे चोट!-
'' धूम्रपान ''
बीड़ी का धुंआ बुरा,बुरा है धूम्रपान ।
नशा नही है काम का,नशा करे नुकसान ।।
चिलम जलावे फेंफड़ा,धुंवा भर दे पेट ।
पीवे वो होवे दुखी,तज बीड़ी सिगरेट ।।
तंबाकू ताकत हरे,कर दे दुर्बल स्मैक ।
धन मिलता सब धूल में,पिये नशेड़ी पैक ।।
धूम्रपान आदत बुरी,तन कर दे कमजोर ।
असर कलेजा पर करे,खांसी करती शोर ।।
धुंआ से होती घुटन,तन का होता नाश ।
धूम्रपान को छोड़िए,गले न होगी खराश ।।-
नशा पिला के गिराना तो सब को आता है
मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी
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रोज पीकर सनम क्यों आते हो तुम।
वादा अपना किया भूल जाते हो तुम।।
देखो तुम्हारी वजह से सब परेशान है।
इस आदत को क्यों न सुधारते हो तुम।।-