Namrata Ka Kalpanaakaash   (Namrata ka kalpanaakaash)
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Joined 13 June 2021


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Joined 13 June 2021

आज के समाज का रवय्या भी बड़ा अनोखा होता है,
उनकी सुनो तो ठीक नहीं तो पीठपीछे धोखा होता है।
पिछड़ो के संग हमदर्दी भी करते सिर्फ बहाने के लिए,
मौके पर खबरों में भी शान से उसे...दिखाना होता है।
नारा देते है ज़रूर कि सबका साथ सबका विकास पर,
अपना उल्लू सीधा करने का रोज़ नया बहाना होता है,
करते है कर्तव्यनिष्ठ लोग सेवा समाज सुधार के लिए,
पर राह उनकी भी समाज को कठिन बनाना होता है।
हमसे तुमसे सबसे मिलकर बनता ये समाज फिर भी,
ऊँचनीच राजा व रंक जैसा दर्द भरा बंटवारा होता है।
और कैसे ही बयां करें "नम्रता"ज़िंदगी के फ़लसफ़े को,
निस्वार्थी सेवादारों का नाम यहाँ बस दीवाना होता है।

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तेरे इश्क़ की तपिश में देख कतरा-कतरा मेरा जल रहा,
तू साथ ना होकर भी मेरी रूह में साथ-साथ है चल रहा।
♥️♥️💛♥️♥️
फ़लक तक संग जाने के ख़्वाब हम तो बुनते ही रह गए,
तुम क्या गए तुम्हारी"नम्रता"के हर अरमान भी बह गए।
❤️❤️💛❤️❤️
दुनिया की नज़रों से अब अक़्सर अपनी नज़रे चुराते है,
बाँहो में तेरी हम सरेआम जब ख्यालों में समा जाते है।
❤️❤️💛❤️❤️
ज़ालिम तेरे प्यार की तलब अब नहीं हमें इतना सताती,
मेरी रूह तेरी रूह सँग हर पल ही है..इतना बतियाती।
❤️❤️💛❤️❤️
कहते है वो आखिर कबतक हम यूँ यादों में जी पाएंगे?
नहीं जानते वो कि तेरी यादों के बिन हम मर ही जाएंगे।

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4 DEC 2024 AT 12:20

मेरे दिल ने ही की मुझसे दिल्लगी है।

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24 AUG 2024 AT 13:46

क्यों डरें उलझनों से?? देखो वो पाठ नया सिखाने आई है,
नानी नहीं अनुभवों की पुरानी कहानी याद दिलाने आई है।
✨✨🙏✨✨
हर विपरीत अवस्था हौसलों के आगे सदा ही हारा करती,
ध्यान दो वो तो तुम्हें तुम्हारी अंतरात्मा से मिलाने आई है।
✨✨🙏✨✨
होती हैं कई बार परिस्थितियाँ और नज़रिये उलझनों से भरे,
वो तुम्हें नए नए नज़रिये अपनाने के क़ाबिल बनाने आई है।
✨✨🙏✨✨
समस्याओं से घिरा मन अक़्सर उदास हो के भटकने लगता,
वो उन पलों को सकारात्मकता की ऊर्जा से सँवारने आई है।
✨✨🙏✨✨
तो उठ जा फिर से जैसे उगता सूरज हर काली रात के बाद,
ये उलझने तो"नम्रता"परिपक्वता का चोला पहनाने आई है।

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23 AUG 2024 AT 19:12

प्रकृति की अनुपम छटा को श्रृंगार सा अपना कर धरा है इतराती।
पग - पग पर विस्मितकारी दृश्य बिखराकर इंसा को दिखलाती।।
🍀🍀🍀🍀🍀
अपने हरेभरे आँचल में बेशक़ीमती नगीने हज़ारों छिपाए है धरती।
मुफ़्त में बस प्रेम व देखभाल से तुम पर सब न्यौछावर कर जाती।।
🍀🍀🍀🍀🍀
घूँघट सा ढ़क के फल फूल,जल हवा में नवजीवन को सम्भाला है।
प्रकृति तो पल पल में अपनत्व व निःस्वार्थता का पाठ सिखलाती।।
🍀🍀🍀🍀🍀
ममत्वभरी प्रकृति के बगैर कैसे बचेगा धरा का अस्तित्व "नम्रता"।
पूरे ब्रह्मांड में यही पृथ्वी को सबसे सुंदर ग्रह की पहचान दिलाती।।
🍀🍀🍀🍀🍀
कर लो रहम आने वाली पीढ़ी पर कर के रख रखाव प्रकृति का।
माँ के बाद वो ही बिन भेदभाव के प्रेम देने वाली माँ है कहलाती।।

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22 AUG 2024 AT 21:43

मेरा दर्द अकेलेपन का अश्क़ों से नहीं,तरानो में सुना दूँ तो?
अक्सर बन्द लबों पर आज गीत सजाकर तुम्हें रिझा दूँ तो?
दर्द कम पड़े तो तुझे अपनी झुकी नजरों से दीवाना बनाएँगे,
मद्धम ध्वनी में गर गीत चित्त झकझोरने वाला सुना दूँ तो??
जो एक बात तुमसे कहनी थी वो दिल में दबी है अबतलक,
आज तसल्ली से भरी महफ़िल में"नम्रता" तुझे जता दूँ तो??
आते नहीं हो अब तुम.. साथ दो निवाला लेने भी साथ पर...
इन खाली खाली मेज़ पर तेरे पसंद का खाना लगा दूँ तो??
कभी तुमसे कहा नहीं पर हम अक़्सर तेरा इंतज़ार करते है,
खुद को फिर भी यूँ इंतज़ार करने की इजाज़त दिला दूँ तो??

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22 AUG 2024 AT 20:08

Seeing a ordinary thing from

different angle and perception.

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21 AUG 2024 AT 22:50

लफ़्ज़ों का मरहम तो तब तक काम नहीं आता,
जब तलक तेरी ज़ुबान पर मेरा नाम नहीं आता।
💞💔💞💔💞💔
बना लिया तुम्हारे नाम से रिश्ता है दिल का मैंने ,
पर तेरी धड़कनों में सुनाई मेरा नाम नहीं आता।
💞💔💞💔💞💔
अश्क़ों को सरेशाम तक तो हम रोक लेते है पर,
अकेली रातों में कोई दिलासा काम नहीं आता।
💞💔💞💔💞💔
तन्हाइयों में हम रोते है ,रोकर बिखरते भी जाते,
जब - जब तेरा मेरे लिए कोई पयाम नहीं आता।
💞💔💞💔💞💔
माना करते हो तुम इश्क़ बेइंतहा हमसें पर मेरा,
नाम भी तो तेरी ज़ुबां पर सरे - आम नहीं आता।
💞💔💞💔💞💔
देदो अब तो निज़ात मुझें तेरे इस दर्द-ए-इश्क़ से,
लफ़्ज़ों के खोखले मरहम से आराम नहीं आता।

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19 AUG 2024 AT 18:04

कहते जिसे प्यार का बंधन बहने उसे..प्यार का रिश्ता मानती,
बंधन मज़बूरियों से निभता और रिश्तें दिल से ऐसा वे मानती।
राखी वो पावन पर्व ,जो भाई बहन के रिश्तें को मजबूती देता,
सात समंदर की दूरी भी ऐसे निश्छल प्रेम वश कम पड़ जाती।
ये रक्षा कवच बहन भाई को बड़े प्रेमभाव व भरोसे से बाँधती,
हर दुख तकलीफ़ भाई से पहले खुद पर चुपके से झेल जाती।
अक्षत रोली का तिलक लगा देवता सा बहन,भाई को पूजती,
हाथ में श्रीफल थमा के विघ्नहर्ता का साथ जीवनभर का देती।
लाख करले लड़ाई झगड़े भाई बहन पर प्रेम सदा भारी पड़ता,
किसी दबाव में नहीं,बचपन में बोए प्रेम को वो उम्रभर सींचते।
कलाई में बंधे सूती धागे का मान बहन की रक्षा कर निभाता,
इन दोनों की नज़र"नम्रता"माँ हर पल मन ही मन में उतारती।

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18 AUG 2024 AT 14:44

ये पैसे की चादर दिखाती तो सपने हसीन है,
पर संग बुन कर लाती दर्द के धागे महीन है।
मान- सम्मान मिलता अपार जब ये होती है,
पर इसके जाते ही...हालात होते गमगीन है।
इसके संग आती अधूरी रंग - बिरंगी हसरतें,
धीमे से इंसा हो जाता लालच के आधीन है।
करता पुरज़ोर कोशिश पाने को इसको सदा,
पर न पाने पर वो कर जाते हरकतें संगीन है।
इसके संग आई समृद्धि भी कभी-कभी तो,
दूर कर देती वो सुक़ून की नींद बेहतरीन है।
हर किसी का न रहे क़ाबू.. इसकी माया पर,
फ़िर बड़ों व अपनों की कर जाते वे तौहीन है।
रख सकों ग़र इसका जीवन में सही तालमेल,
तो "नम्रता"इससे बेरंग जीवन होता रंगीन है।

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