QUOTES ON #दिलों

#दिलों quotes

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18 OCT 2022 AT 23:09

गिर गिर कर उठना
हार हार कर जितना
आखरी सांस तक हौसला रखना
मर कर भी सबके दिलों में है रहना

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20 JUN 2021 AT 9:20

दिलों की फरेबीया, ना जाने कितनी है दिलों मे..!!
कोई तो इसे परखने का, अंदाज़ तो बताये..!!

यू ही अपनाकर, तोड़ लेते है दिलों को आशिक़..!!
बर्बादी के बचने से, कोई तो इसकी पहचान तो बताये..!!

ज़िन्दगी ख़त्म हो जाती है, जीते हुए भी इस शरीर की..!!
कोई तो इस ज़िन्दगी की, बची मोहलत जीना तो बताये..!!

दिलों की फरेबीया, ना जाने कितनी है दिलों मे..!!
कोई तो इसे परखने का, अंदाज़ तो बताये..!!

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17 JUN 2021 AT 23:26

नजदीकियां बहुत है, लोगों के साथ..!!
पर वो दूरियों से भी, पास झलकती नहीं..!!

अपने कहने वाले, बहुत है यहाँ..!!
पर दिलों से, ये बात झलकती नहीं..!!

दिखावे की दुनियाँ मे, दिखावा बहुत है..!!
इसलिए ये दिलों के ज़ज्बात, निकलती नहीं..!!

दोस्त बहुत है, हर जगह यहाँ पर..!!
पर उनसे भी, दिलों की बात बटती नहीं..!!

नजदीकियां बहुत है, लोगों के साथ..!!
पर वो दूरियों से भी, पास झलकती नहीं..!!

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11 APR 2023 AT 21:27

दृश्य बोल रहा है परिदृश्य की खामोशी
बेचारे रौंदे जा रहे हैं दिलो की खामोशी


खून और पसीना एक साथ बह रहा है
बिना दिल के इंसान बस यंत्रवत चल रहा है


इंसान छेनी-हथौड़ा से घर बना रहे है
दिलो में घर थे जिनके वो उजड़ रहे है


स्वप्न में भी विनाश और ध्वंस की रचना
दिल ही नहीं है तो सृजन होना नही बनता


इंसान तो बस अब सिक्के बना रहा है
दिल के चलन का रिवाज तो बाहर हो रहा है

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19 MAY 2021 AT 22:34

जब दिलों के दर्द,
बढ़ जाते है तो..!!

केवल तन्हाई और आँशु ही,
उसके सच्चे मित्र होते है..!!

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29 AUG 2020 AT 15:57

मेरे आँसूओं को चूम, मेरे मन की प्यास बुझा !
मेरे दिल पर हाथ रख, अपने दिल की बात बता !!

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31 OCT 2023 AT 7:02

हम तुम कभी साथ थे,ये झूठ तो नहीं
दिलों में जज़्बात थे,ये झूठ तो नहीं
फिर वक्त बदला हालात बदले और रिश्ते भी बदल गए
पर,कभी हर ख्याल में हम शामिल थे,ये झूठ तो नहीं...

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18 JUN 2020 AT 18:03

Khwahishe kuch khaas nahi
Jis tarah chai ke bina koi shaam nahi
Sitaro ke bina aasmaan nahi
Chai ke bina sawera bhi nahi
Bas tere bina mera guzara nahi !

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28 OCT 2019 AT 12:45

करते है मोहब्बत लोग , जिस्मों की ,
हमें तो संग बैठ कर , घण्टों दिलों की बात करनी है...

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20 AUG 2021 AT 12:23

निग़ाहें मिलीं और दिल धड़का
जब से उसे देखा सुकून कहां।

यूं दिलों का ज़ोर-ज़ोर से धड़कना
कहीं मोहब्बत तो नहीं।

बस निग़ाहें तो मिली थी
फ़िर दिल पर असर क्यों है।

लगता है ऐसे होती है मोहब्बत
पर मुझे ख़बर नहीं है।

बेचैनी अब रातों को
दिन की ख़बर ही नहीं है।

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