Meera Choudhary   (Neha)
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Your positive ☺️ action combined with positive ☺️ thinking result in success ❣️
Joined 24 January 2023


Your positive ☺️ action combined with positive ☺️ thinking result in success ❣️
Joined 24 January 2023
8 MAR AT 23:00

कायनात की सारी खुशियां आपके कदमों में बिखर जाएं
हो ख्वाहिश जिस भी चीज की,आप हर उस चीज को पा जाएं
सवारें अपने व्यक्तित्व को,आप हर रोज़ इस कदर
हर वर्ष जन्मदिन पर खुद को और भी बेहतर पाएं

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18 FEB AT 11:33

चाहे जितनी भी कोशिश करूं लिखने की उसके बारे में
कुछ न कुछ छूट ही जाता है
है खूबसूरत इतना किरदार मेरे यार का
शब्दों में तो क्या ही पिरोया जाता है

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4 FEB AT 10:27

ये कैसा बेरहम वक्त सामने आ रहा है
यार मेरा, मुझसे दूर जाता जा रहा है
होते होते हो गई हैं बातें अब बहुत कम
जुदाई का मंजर, अब लगता है नज़दीक आ रहा है

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19 JAN AT 17:14

इश्क़ - अल्फाजों से परे

जब इश्क़ लिखूं तो उसकी बातें लिखूं?
महसूस जो दिल ने किए वो सारे जज़्बात लिखूं
नूर लिखूं उस चेहरे का या आंखों से हुई वो बात लिखूं
मैं लिखूं वो उसकी मासूमियत या इश्क़ वो रूहानी लिखूं
या लिखूं वो चाहत की शिद्दत या उसका इंतजार लिखूं...

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2 JAN AT 21:57

अक्सर सोचती हूं इस बारे में
क्या कमी रही तुझे चाहने में...
क्या प्यार नहीं था तुमसे या वक्त नहीं दिया तुमको...
कुछ तो कमी बताके जाते या होते रुसवा हम मनाते

दिल अब भी तेरी राह है तकता
पागल है, है तुझी पे मरता
हर पल खलती है तेरी कमी
लव रहते हैं खामोश और रहती आंखों में नमी...

हो सके तो वापस आजा
अपना बना ले या खता ही बता जा...

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22 DEC 2023 AT 20:14

एक रिश्ता था बड़ा प्यारा सा
अनोखा सा बड़ा सच्चा सा
ना थी कोई शिकायत, ना शिकवा था कोई
साथ था ऐसा मानो दीए संग बाती कोई

पर जाने क्यूं गुजरते वक्त के साथ
भरोसा टूटता गया, रिश्ता बिखरता गया
दूरियां बढ़ती गई, फासले आते गए
ऐसा नहीं था कि कोशिश ना की...
पर हर कोशिश बेकार गई

और फिर कुछ यूं हुआ,वो बिछड़ गए...
फिर कभी ना मिलने के लिए
खत्म हो गई कहानी,बिछड़ गए दो साथी
अब तो आलम यूं है जैसे दीए बिन बाती 🥀

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14 DEC 2023 AT 20:43

तुम्हारे लिए बस खेल था जो,वो किसी के लिए मोहब्बत थी
खिलौना समझ जिसे तुम तोड़ चले,किसी की हस्ती थी, उजड़ गई...

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14 DEC 2023 AT 11:47

ये इश्क़ की दुनिया है साहब
यहाँ गम कुछ ज्यादा मिलते हैं
ना कर पाते हैं बयां किसी से
सब दिल ही दिल में सहते हैं

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6 DEC 2023 AT 20:04

हर उस चीज को पा लिया हमने जिसकी भी ख्वाहिश की
बस वो ख़्वाब ख़्वाब ही रहा जिस ख़्वाब में तुम शामिल थे

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30 NOV 2023 AT 19:37

ना कर इतने सितम ऐ जिंदगी
हम किसी के सताए बहुत हैं
गुनाहे इश्क़ हुआ था हमसे
फिर सज़ा में हम रुलाए बहुत हैं

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