तुम्हारे फैसले पर ही हमने खुद को इतना बदला है
वर्ना हम तो तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह पाते थे...-
तुमसे रूबरू हुए तो जाना कोई कितना कमाल लग सकता है
धड़कन बस में ना रहे ऐसा बवाल लग सकता है
यकीन नहीं होता....
पहली मुलाकात में भी कोई शख्स इतना प्यारा लग सकता है-
तुम्हारे बिन ये ज़िन्दगी कुछ खास नहीं लगती
छोड़ा है जबसे तुमने भूख प्यास नहीं लगती
सज़ा के जैसे कट रही है तुम्हारे बिन ये ज़िन्दगी
दिल के वीरानों में अब कोई आस नहीं लगती
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ये जो दूरियां तुमने बना ली हैं
ये जरूरी तो नहीं थी
साथ रहकर भी जिंदगी को जिया जा सकता था....-
एक खूबसूरत सी याद हो तुम
जो दिल में चुभता है,अधूरा सा वो ख़्वाब हो तुम
जहाँ चाहत खत्म हो जाए वो आखिरी ख्वाहिश हो तुम
तुमको जाना,तुमको समझा तो पाया कितने अच्छे हो तुम
झूठ से भरी इस दुनिया में कितने सच्चे हो तुम
भूलें भी तो कैसे तुमको,जान में मेरी बसते हो तुम
तुमसे मिलना किस्मत थी,पर किस्मत में भी कहां थे तुम
मिलकर ऐसे बिछड़े जैसे बिछड़ने को ही मिले थे तुम...
एक मौसम साथ में गुजरा था,कितना सुहाना था मौसम...
कैसी गुज़रती ज़िन्दगी जो शामिल होते इसमें तुम...-
ख़ुशनुमा वो शामें अब आयेंगी कहाँ
हम रूठे हैं उनसे,पर वो मनाएंगे कहाँ...
वो दौर कुछ अलग था जब जान थे हम उनकी
उनके दिल में अब हमारी वो जगह कहाँ...
रह लेते हैं खुश अब वो हमारे बिना
उनको हमारी अब जरूरत कहाँ...
समझ आ जाती हैं कुछ बातें बिन कहे भी
बेरुखी को शब्दों की जरूरत कहां...
कुछ हम बदले हैं, और वो भी पहले जैसे कहां
वो पहले जैसी बातों में अब बात कहां....
गुज़रता समय सब कुछ बहा ले गया
आंखों में बस नमी है वो पहले जैसी खुशी कहां...
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उन्होंने जाने के लिए कहा तो नहीं...
पर जाते हुए रोका भी नहीं
फिर हमने कभी पलटकर देखा भी नहीं...-
वो दुनियादारी में इतने मसरूफ हो गए हैं
कि उन्हें ये तक ख्याल नहीं रहा...
कि कोई है जो पूरे दिन सिर्फ उनसे बात करने का इंतजार करता है ...
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तन्हाइयों से खुद को समेटना सीखा
उनके बेगानापन से खुद से इश्क करना सीखा
अब रह लेते हैं हम खुद में ही खुश....
तुम्हारे इश्क में तो खुशी से ज्यादा उदासी को देखा ....-
तुमने मुझे सब कुछ दिया पर सिर्फ मेरे अच्छे वक्त में
बुरे वक़्त में तो तुमने मुझसे बात तक ना की...-