छोड़ जाने के बाद ही सही..याद तो तुमको मेरी आएगी
सुबह के चाय के साथ...मेरा ख़्याल आएगा
तन्हा तन्हा शामों में...रोज़ बहुत तड़पायेगा..
जिस दिन भी तुम लम्हों की..
बीती बातों की..पुरानी किताब खोलोगीे..
मन ही मन प्यार से..मेरा नाम ही बोलोगीे..
आंखों से अश्रु की धारा..उस पल बह जायेगी...
जब अपनों के बीच भी तुमको
मेरी परवाह होगी...
मेरी बातें मेरी यादें..
बोल दो कैसे भूला पाओगीे...
दिल को धड़कन से ज़ुदा कर पाओगी...
या बिन रूह के रह लोगे...
मेरी बातें ही यादें बनकर..
तुमको ख़ूब रुलायेगी..
छोड़ जाने के बाद ही सही...याद तो तुमको मेरी आयेगी..-
ऐसी तकदीर न पाई थी कि तुमको पा सकता
ऐसी याद्दाश्त न मिली थी कि तुमको भुला सकता-
चलो भूलाके सब कुछ ,
एक अल्फ़ाज़ लिखता हूं !
मैं तुमको कल ,
और खुद को आज लिखता हूं !-
सोचा था सुनाएंगे हम, अपनी हर एक दर्द तुमको
लेकिन तुमने तो इतना भी न पूंछा कि ख़ामोश क्यूं हो।-
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है
जुल्फें तेरी बादल जैसी आँख में तेरे समंदर है
चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है-
काश तुमको मैं बता पाती हर सपना अपना,
और तुम अगले आने वाले कुछ पलों में उन्हें पूरा,
कर देते। ऐ आने वाले पल मैं चाहती हु तुझसे लड़ना हर बीते हुये पलों के लिये, भला इतनी जल्दी भी कोई जाता है। तुम आओ तो कुछ पल ठहरो तो सही।-
महिला से मर्यादा है और महिला हि मर्यादा है तो अब तुमको भी मर्यादा में रहना होगा
-
अगर तुमको खबर हो जाये तुमको कितना चाहता हूँ मैं
तुम्हें खुद से मौहब्बत न हो जाये तो कहना-
हमको पूछ्ना नहीं था तुमसे,
हमको बस सुना था तुमसे,
जानते हम भी है तुमको ,-