जब आयु और गुणों के मध्य विचार करना हो,
तब गुणों का ही विचार करना अनिवार्य है।-
8 OCT 2021 AT 1:33
2 SEP 2021 AT 13:17
समय से पूर्व बोले गए शब्द,
ऋतु के पूर्व तोड़े गए फलों की भांति व्यर्थ होते हैं।
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15 OCT 2021 AT 14:56
दूसरों को ज्ञान देना तो बहुत आसान है।
पर बात जब खुद की हो।।
तो सारा ज्ञान ख़तम हो जाता है।
सबसे मुश्किल यही होता है।।
वो ज्ञान जो हम दूसरो को देते है।
फिर खुद की बात हो तो, वहीं ज्ञान कैसे भुल जाते है।।
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23 NOV 2023 AT 9:26
हॅसाती जिन्दगी रुलाती जिन्दगी
मंजर ये कैसे दिखाती जिन्दगी ।
मन खोया है दुनिया की भुल भूलैया में
हकीकत कई है बताती जिन्दगी-