सँवार देना कभी जुल्फें मेरी,गुस्सें में ज्यादा हसीन नहीं लगती है,
कौन कहता है कि,गुस्सें में लड़कियाँ जुल्फों को बाँध लेती है!!
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जमाना रश्क़ रखने लगा है मुझसे,
अब वो ख़्वाबों में जो मिलने लगी है।।
जब कोई आवारा कहता है ना मुझे,
अक़्सर उसी की ज़ुल्फों में पनाह मिलती है।।-
जानेजाँ अगले जन्म...तेरी जुल्फ बनकर...
हवा के झोके से...तेरी गालो पे बिखर जाऊँगा...
जुल्फों में उंगलिया फिराने की...बस आदत छोड़ दे...
अच्छा नहीं लगूँगा...गर सँवर जाऊँगा😘-
उसकी नफरत करने की इंतेहां तो देखो..ऐ...दोस्तों....
जब मैंने कहा,
मुझे मोहब्बत है तुम्हारी जुल्फों से 👩 तो वो टकली हो गयी...🙄😞😞😊🙏-
सुनों,
धड़क जाए मुझे देख,सौ बार दिल तुम्हारा।
बस एक दफा,मेरी जुल्फों को सँवार देना।।-
वो मुझसे कहते है,अपनी जुल्फों को ना बाँधों करों।
हमारें गाँव बारिश नहीं हुई,तुम काजल लगा के आया करों।-
नैण नशीले मदमस्त चाल
जुल्फें तेरी बिखरी सी,
फीका लगे तेरे आगे श्रृंगार
रूह तेरी निखरी सी।-
बिना बादलों के बरसात मेरे शहर में, कैसे..?
जरूर वो छत पे बाल झटक रहे होंगे..!-