QUOTES ON #जानकी

#जानकी quotes

Trending | Latest
18 DEC 2021 AT 10:32

अच्युतमं केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं

-


28 JAN 2021 AT 18:21

गंजेउ सो गर्जेउ घोर धुनि, सुनि भूमि भूधर लरखरे
रघुबीर जस मुकता बिपुल, सब भुवन पटु पेटक भरे
हित मुदित अनहित रुदित मुख, छबि कहत कबि धनु जाग की
जनु भोर चक्क चकोर कैरव, सघन कमल तड़ाग की

-


21 JAN 2022 AT 6:35

रामदूत मैं मातु जानकी।
सत्य सपथ करुनानिधान की॥

(हे माता जानकी!
मैं रामदूत हूँ।
करुणानिधान की
सच्ची शपथ करता हूँ।)

-


30 SEP 2024 AT 18:25

उसकी सबसे अच्छी आदत थी कि वो सबसे ज़्यादा अच्छी थी।
बहुत ही ज़्यादा मासूम थी, निः स्वार्थ सबकी मदद करती थी।

ऐसा लगता हैं "अभि" कि अब मैं उसके ही रूप में रंगने लगा हूँ।
उसकी जिन हरकतों से चिढ़ता था मैं, अब सारी नादानियाँ करने लगा हूँ।
मैं उसके ही साँचे में ढलने लगा हूँ, उसके बाद मैं उस सा बनने लगा हूँ।
मैं उससा बनने लगा हूँ, कल तक नफ़रत थी जिन राहों से मुझे यारों!
पता नहीं क्यों आज कल उन राहों पर चलने लगा हूँ।
उसके जाने के बाद मैं उसका हमक़दम बनने लगा हूँ।
लोग कहते हैं अब मैं, मैं न रहा, उस सा बनने लगा हूँ।

उससे बात नहीं होती हैं आज कल पर आज कल हरदम।
उसकी बात करने लगा हूँ, उसके रंग में रंगने लगा हूँ।

कभी जो आकर के पूछे वो मेरा पता तो कहना कि उसकी यादों में रहने लगा हूँ।
उसके लिए जिया है मैंने हर एक लम्हें को ताउम्र अब उसके बिन घुट-घुट के मरने लगा हूँ।
डसती है उसके बिन शाम-ओ-सहर मुझको ये तन्हाइयाँ मैं ये ज़हर-ए-जुदाई पीने लगा हूँ।
बिन तेरे कोई नहीं है जाना मेरा इस जहां में ये सोच सोचकर तड़पने लगा हूँ।
उसके बिन जीना नहीं आता है मुझको जानती है वो, उसके बिन अब मरने लगा हूँ।
पहले ना पसंद थी उसकी जो अदाएँ मुझको उस बिन अब उन पर मरने लगा हूँ।

-


24 OCT 2019 AT 19:00

//चाह//

राम से पुत्र की चाह सभी को
दशरथ बन वचन का पालन करना होगा।
संस्कार दिए जिस कौशल्या ने
हमें भी उन सा पुत्र वियोग सहना होगा।

जानकी सी पुत्री की आस सभी को
जनक बन भूमि में हल भी जोतना होगा।
विवाह का सच्चा अर्थ सिखाए
ऐसी माँ सुनैना सा हृदय हमें रखना होगा।

लक्ष्मण से अनुज की चाह सभी को
श्री राम सा अपनत्व हमें भी दिखाना होगा।
भाई को पुत्र सम प्रेम जो दे पाए
ऐसा अग्रज बन जीवन यापन करना होगा।

हनुमान से भक्त की आस सभी को
हमें भक्त की भक्ति को मान दिलाना होगा।
सिंदूर कोई हमारे लिए भी लगाए
ऐसा मर्यादा पुरुषोत्तम हमें भी बनना होगा।

-


6 MAR 2021 AT 9:50

तुफान बडा हो जाणे से औरते छुपा नही करती,
ओर
भेंडीओ के आजानेसे शेरणीया डरा नही करती....

-


21 MAY 2021 AT 18:06

भूमि से जन्मी,
भूमि में समाई।

धन्य हुए जनक
भूमिजा "जानकी" कहाई।।

-


29 APR 2023 AT 1:02

मिथिला की मैथिली
सुनयना सुता सीता
जनक नंदिनी जानकी
विदेह की वैदेही
वसुधा कुमारी वसुंधरा
भौमी, भूमिजा, धरा की धैर्य
मंगल देव की बहन मंगल करनी
उर्मिला, मांडवी, श्रुतकृति की सहेली
भद्र काली शहस्त्र रावण मर्दनी
हम सबकी सीता दीदी
राम की सिया, राघव की मैथिली
रघुनंदन की सीते
विदुषी, योद्धा, आयुर्वेद की ज्ञाता
कोटि गुणों की खान को प्रणाम
पवित्रता की पराकाष्ठा
स्वाभिमान की प्रतिमूर्ति श्री सीता जी
को बारंबार मेरा प्रणाम
प्रेम की परिभाषा
त्याग की जननी
लव कुश की जीनने जाया वो वन देवी सीता
वाल्मिकी की मानस पुत्री
राक्षसी को भी बुलाए कह माता ऐसी हमारी मैथिली
रिश्तों की माला पिरोए ऐसी हैं सीता
ज्ञान सभा की शान गार्गी की शिष्य महान
हमारी सीता दीदी को प्रणाम

-


24 AUG 2021 AT 19:42

प्रेरणा लो सेतु बंध से, कभी रुको नहीं
तुम कलाई बाधाओं की तोड़ दो―मरोड़ दो

वर चुनेगी जानकी सुनो अगर हो राम तुम
बढ़के आगे शिव-धनुष उठाओ और तोड़ दो

अर्थ काम लोभ मोह त्याग दो रहो विमल
राम को अगर है पाना राजनीति छोड़ दो

-



हे जानकी!
तुम पराकाष्ठा आत्मसम्मान की,
तुम हो पताका मिथिला के मान की,
धरोहर और कारण हमारे गुमान की!
हे जानकी!
तुम महारानी धरती-आसमान की,
अनुत्तर प्रश्न हो तुम कैसे पुरुष प्रधान की,
पीती चुपचाप स्त्री घूंट अपमान की,
हे जानकी!
तुम उदाहरण हो अंकित सोपान की,
हो प्रकाश पूंज तुम व्यथित इंसान की,
जीवनदायिनी तुम पितृ-अरमान की,
हे जानकी!
धरा के बिना कौन तुम्हारा सृजन करे,
कौन है विशाल इतना कि
प्रयत्न करे तुम्हारे आह्वान की,
तुम पूजनीया जगत में
जरूरत क्या प्रमाण की,
हे जानकी!
तुम पराकाष्ठा आत्मसम्मान की!

-